24 साल बाद : - रॉ हेडक्वार्टर दिल्ली सुबह के 10 बज रहे है। सिया ग्रे जीन्स पेंट और चेक कलर की शर्ट हेडक्वार्टर मे चीफ ऑफ़ डॉयरेक्टर ऑफ़ रॉ के रूम के बाहर चेयर पर बैठी होती है। सामने गेट पर दो कमांडो खड़े होते है। सिया का फोन बजता है। सिया फोन उठाकर कान में लगाकर "बोलो मां।"
मोबाइल से सिया की मां की आवाज आती है –" कैसी हो?"
सिया "अच्छी हूं, मां।"
कमांडो " मिस सिया गुर्जर।"
सिया "अभी फोन रखो शाम को कॉल करती हूं।"
सिया फोन काट देती है और खड़ी होकर चलने लगती है और रूम के अंदर आती है। रॉ चीफ प्रभाकर पाण्डेय चेयर पर बैठे होते है उनके सामने डली चेयर पर मॉनीटर कीबोर्ड माउस और फाइल रखी होती है। पीछे अलमारी रखी होती है जिन्हे फाइल रखी होती है। सिया उनको सॉल्यूट करकर "सर मेरा नाम सिया गुर्जर है।"
रॉ चीफ प्रभाकर पाण्डेय " बैठो।"
सिया चेयर पर बैठ जाती है।
रॉ चीफ प्रभाकर पाण्डेय "तुम रॉ क्यो ज्वाइन करना चाहती हो?"
सिया "रॉ मेरा ड्रीम है सर।"
रॉ चीफ प्रभाकर पाण्डेय "तुम जानती हो रॉ का क्या काम होता है।"
सिया "जी सर।"
रॉ चीफ प्रभाकर पाण्डेय – "फिर भी! रॉ ज्वाइन करना चाहती हो?"
सिया " येस सर, जाट की छोरी हूं चेलेंज मेनू पसंद है।"
रॉ चीफ प्रभाकर पाण्डेय "पर तुम लड़की हो और रॉ का काम मुश्किल से भरा है।"
सिया जोश मे -; "सर आप क्या समझते है! मुझे इस तन से प्यार है तो आप ग़लत है।
मेरे लिए मेरे वतन के आगे इस तन की कोई कीमत नहीं है।"
" तुम स्पीच बढ़िया देती हो पर रॉ फिल्मी कहानी नहीं है। बल्कि देश की वह संस्था है जिस मे मौत आपका बांहे फैलाकर इंतजार करती है। मर जाने के बाद देश शहीद का दर्जा तो भूल जाओ लाश भी नहीं पहचानता है।" रॉ चीफ प्रभाकर पांडेय खड़े होकर अलमारी से फाइल उठाते है ।
सिया "येस सर, मै आर्मी मे मेजर हूं इसीलिए सब जानती हूं।"
" तो पुलिस फोर्स ज्वाइन कर लो। उसमे तो रिजर्वेशन भी मिल जाएगा।" रॉ चीफ प्रभाकर पांडेय चेयर पर बैठ जाते है।
सिया " सर मना करना है तो कर दीजिए ऐसी एडवाइज ना दीजिए।"
सिया फाइल उठाकर चलने लगती है और दरवाजे से बाहर आकर कॉरिडोर मे चलने लगती है और रॉ हेडक्वार्टर से बाहर आकर कार मे बैठकर कार चलाकर चली जाती है और गर्ल्स हॉस्टल के बाहर कार रोक कर कार का गेट खोलकर गुस्से में नीचे उतरकर कार के गेट मे लात मारकर लगाकर चलने लगती है और हॉस्टल के अंदर अपने रूम मे आकर बेड पर लेट जाती है और सो जाती है। शाम होती है। सिया का फोन बजता है। सिया की रूम मेट चेयर पर बैठकर बुक पढ़ रही होती है। वह खड़ी होकर फोन उठाकर सिया के कंधे को पकड़कर उसे हिलाते हुए "तेरा फोन बज रहा है।"
सिया नीद भरी आवाज में "बजने दे।"
"तुझे बात नहीं करनी है तो मत कर, मै कर लेती हूं।" सिया की रूममेट मुस्कुराकर फोन उठाती है। फोन से आवाज आती है – "मै प्रभाकर पाण्डेय बोल रहा हूं।"
सिया रूममेट "कोई प्रभाकर पाण्डेय है।"
सिया झट से उठकर मोबाइल ले लेती है।
सिया रूममेट मुस्कुराकर " नया है क्या ?"
सिया मोबाइल को हाथ से दबाकर मुस्कुराकर "तुझे क्या ! जा अभी"
" ऐसी क्या बात है …जानू?" सिया की हँसते हुए सियाको गुदगुदी करती है ।
सिया – "जिस कंपनी में जॉब का इंटरव्यू देने गई थी उसी का बॉस है।"
वाह! , तुझे तो बॉस भी फोन लगाने लगा, तेरी तो निकल पड़ी।" रूममेट किचन की ओर चली जाती है।
सिया मोबाइल से हाथ हटाकर " हेल्लो सर!"
रॉ चीफ प्रभाकर पाण्डेय " you are selected, कल मेरे ऑफिस में मिलो। "
" जी सर।" सिया खुश होकर मोबाइल बेड पर फेककर लेट जाती है। रिया की रूममेट दो कॉफी लेकर आती है।
सिया की रूममेट उसे सोता देखकर मुस्कुराकर "यह तो लटक गई।"
अब सुबह के दस बज रहे है। रॉ हेडक्वार्टर के रॉ चीफ के रूम के अंदर सिया चेयर पर बैठी है और उसके सामने रॉ चीफ बैठे है।
"इसका नाम अजहर मकसूद है यह कल अमेरिका अपने बॉस से मिलने जा रहा है। तुम्हे उसे ही पकड़कर इंडिया लाना है।" रॉ चीफ प्रभाकर पाण्डेय सिया को फोटो दिखाते है ।
सिया "जी सर।"
रॉ चीफ प्रभाकर पाण्डेय " तुम्हारे साथ एक और ऑफीसर रोहन जा रहा है।"
सिया "जी सर।"
रॉ चीफ प्रभाकर पाण्डेय "तो तैयारी करो।"
सिया खड़ी होकर चलने लगती है और दरवाजे से बाहर चली जाती है।
दूसरे दिन इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट न्यू दिल्ली शाम के पांच बज रहे होते है। सिया ट्राली में बैग रखकर खड़ी होती है। सामने से रोहन ट्राली को धकेलते हुए आता है और सिया के पास आकर सिया की ओर हाथ बढ़ाता है।
रोहन मुस्कुराकर देखते जैसे पहली बार इतनी सुंदर लड़की देखी हो "रोहन खन्ना।"
" सिया गुर्जर।" सिया हाथ मिलाती है ।
रोहन मुस्कुराकर "आपसे मिलकर खुशी हुई ।"
सिया " थैंक यू, तो चले फ्लाइट का टाइम हो गया।"
और दोनो चले जाते है।
अब न्यूयॉर्क एयरपोर्ट दिन के दो बज रहे है। रनवे पर फ्लाइट टेक ऑफ करता है।
कुछ देर बाद सिया और रोहन बैग पहियो पर चलाते हुए एयरपोर्ट से बाहर आते है। वहां कार के पास जहीर खड़ा होता है। जहीर हाथ बढ़ाता है जिसने हाफ पेंट और टी शर्ट पहनी हुई है और जूते दो अलग अलग कलर के होते है।
जहीर " हेल्लो मैम, जहीर खान।"
सिया कन्फ्यूज्ड होकर देखती है।
जहीर मुस्कुराकर " आपका ड्राइवर जहीर।"
"इस कॉमेडियन को प्रभाकर सर ने हमारे लिए चुना है।" रोहन जहीर का मजाक उड़ाता है ।
सिया जहीर से हाथ मिलाकर रोहन से गुस्से से– "कम से कम बात तो सही से करना सीखो। इस तरह साथ काम करोगे।"
"सॉरी।"रोहन का चेहरा उतर जाता है।
जहीर "नो प्रॉब्लम सर, मेरा जो काम है वो मुझे करना है यही एक सोल्जर की पहचान है।"
सिया मुस्कुराकर – "तो चलो।"
सिया और रोहन पीछे डिग्गी मे बैग रखकर कार में बैठ जाते है और जहीर कार में बैठकर कार चलाने लगता है। जहीर के घर के बाहर जहीर कार रोकता है और कार से नीचे उतरकर चलने लगता है। सिया और रोहन भी नीचे उतरकर डिग्गी खोलकर बैग उठाकर चलने लगते है और अंदर आते है। रोहन और सिया अपने अपने रूम में चले जाते है और जहीर किचन की ओर चला जाता है।
रात को जहीर डिनर टेबल पर खाना लगाता है। सिया रूम से आकर डिनर टेबल के पास चेयर खिसका कर बैठ जाती है और जहीर भी बैठ जाता है और दोनो खाना खाने लगते है।
दूसरे दिन सिया और रोहन रेस्टोरेंट्स के बाहर चेयर पर बैठकर कॉफी पी रहे होते है। सिया कप घुमाती है तो उसका रिफ्लैक्स वेटर की आंखो पर पड़ता है और वह टेबल से टक्करा जाता है। आर्यन खड़ा होता है और कॉफी कप वेटर के हाथ से छूटकर जमीन पर गिरता है।
" सॉरी सर।" वेटर संभलकर आर्यन से
आर्यन "it’s ok."
वेटर कप उठाकर चलने लगता है और वह बार बार आर्यन को देख रहा होता है। आर्यन सिया की ओर चलने लगता है।
" तू कहां चला?" आर्यन का दोस्त आयुष आर्यन से। .
आर्यन गुस्से से "उसका बचपना मिटाने।"
"चल मेरे भाई।" आयुष भी चलकर आर्यन का जोश बढ़ाता है ।
आर्यन और आयुष सिया के पास आते है।
आर्यन सिया की ओर गुस्से से देखकर "बचपन में खिलौने से नहीं खेला है क्या जो इतनी बड़ी हो गई है फिर भी बचपना दिखा रही है।"
" who are you?" सिया आर्यन की ओर देखकर ।
आयुष गुस्से से " ओय अंग्रेज़ दी औलाद तेरे को दिखाई नहीं देता है।"
आयुष उसकी ओर चलता है तो आर्यन आयुष को पकड़कर पीछे करते हुए " भाई तू ठंड रख, और मुस्कुराकर - तेरी होने वाली भाभी है।"
"क्या बोला वे?" रोहन गुस्से से खड़ा हो जाता है ।
आर्यन मजाक में लेते हुए " बहरा है का?"
रोहन गुस्से से " तू जानता नहीं मुझे?"
रोहन आर्यन की कॉलर पकड़ने हाथ बढ़ाता है तो आर्यन रोहन का हाथ पकड़कर मरोड़ देता है।
आर्यन " जान पहचान करकर थोड़े ही तेरे लिए लड़की ढूढ़नी है। समझदार है खबरदार रह इसी मे तेरी भलाई है।"
आर्यन उसका हाथ छोड़ देता है। रोहन अपना हाथ पकड़कर दबाता है।
आर्यन गुस्से से "क्योंकि वायलेंट को साइलेंट करना हमें अच्छी तरह आता है। राउडी जम मेरे खून मे o2 की जगह दौड़ता है।"
सिया खड़ी होकर रोहन को पकड़कर पीछे करते हुए "बोलो क्या बात है?"
आर्यन "सॉरी बोलो।"
सिया हंसकर –..." किस लिए? ना जान ना पहचान मै तेरा मेहमान।"
आर्यन "मेहमान नमाजी हम भी ना करवाना चाहते है पर वो क्या अंदर का रॉउडी मनाने को तैयार ही नहीं है।"
सिया "कारण क्या है जो सॉरी बोलू?"
–" देख! कितनी भोली बन रही है। जैसे कुछ जानती ही ना हो।"आर्यन आयुष की ओर देखकर।
सिया गुस्से से "तू चाहता क्या है?"
आर्यन "तो तेरे उस बचपने के कारण मेरे कपड़े खराब हो जाते।"
सिया "पर हुए तो नहीं।"
वेटर चलकर आ रहा होता है।
"वाह! कितनी आसानी से कह दिया।" आर्यन वेटर का हाथ पकड़कर – "पर इसकी नौकरी चली जाती।"
सिया "सॉरी।"
"हम फ्रेंड बन सकते है?" आर्यन हाथ बढ़ाता है।
" no, thanks."सिया हाथ जोड़ लेती है ।
आर्यन " सॉरी वो क्या राउडिज्म हमरे खून मे है।"
" हमरे को का करना है?" सिया कहकर रोहन का हाथ पकड़कर चलने लगती है। थोड़ी दूर जाकर रुक जाती है और पलटकर पीछे देखती है। सिया मुस्कुराती है तो आर्यन भी मुस्कुराने लगता है।
सिया चुटकी बजाकर - "इधर आना।"
"मै?. आर्यन मुस्कुराकर ।
" तू।" सिया आयुष की ओर अंगुली करती है।
आयुष चलकर सिया के पास आता है।
सिया "तेरा दोस्त मेंटल है क्या?
आयुष " नहीं पर क्यो?
"अपने मजनू दोस्त को समझा देना। अगली बार मुझे मिला तो रॉउडिज्म किसे कहते है, बता दूंगी।" सिया आयुष की शर्ट की मुडी हुई कॉलर ठीक कर देती है।
आयुष मुस्कुराकर "जी।"
सिया और रोहन चले जाते है।
आयुष मुड़कर आर्यन के पास आता है।
आर्यन खुशी से फूला नहीं शमा रहा था।
आर्यन "क्या बोली वह?"
आयुष "मुझे पूूछ रही थी कि , कि...
"जल्दी बोल अब सब्र नहीं हो रहा है।" आर्यन हाल फूल कर ।
आयुष "तेरा दोस्त मेंटल तो नहीं है।"
सुनते ही आर्यन का हाल हवा निकले टायर जैसा हो जाता है यानी की आर्यन का चेहरा उतर जाता है। फिर आर्यन गुस्से से - यह लडकियां अपने आप को समझती क्या है? इसके तो देख लेगे।
आयुष "जी ब्रो।"
आर्यन "मैंने डिसाइड कर लिया है तेरी भाभी यही बनेगी।"
- "भाभी तो ना बनेगी, पर तेरी डेट जरूर निकल जाएगी।" आयुष आर्यन का मजाक उड़ाता है ।
आर्यन - "बस तू देखता जा अपने भाई का कमाल।"
आर्यन और आयुष चलने लगते है।
आयुष - "इसकी जगह अमेरिकन ट्राई करते है, आसानी से पट जाएगी।"
दोनो कार के पास आकर कार मे बैठ जाते है और आयुष कार स्टार्ट करकर चलाने लगता है और चला जाता है।