सुबह के 7 बज रहे है। पार्क के अंदर आर्यन दौड़ता हुआ आ रहा है उसे सामने सिया दिखती है तो वह सिया के पास आता है।
आर्यन सांस लेते हुए मुस्कुराकर हेल्लो।
सिया उसे देखकर दौड़कर रोहन के पास आकर चलने लगती है।
रोहन आर्यन को देखकर सिया से - "क्या बोल रहा था?"
"ऐसे लोगो के मुंह नहीं लगते है।" सिया खड़ी होकर हाथो को लेफ्ट राइट करती है ।
रोहन गुस्से से "लफंगा साला।"
आयुष और आर्यन दौड़कर रोहन के पास आते है।
आर्यन गुस्से से - "लफंगा किसको बोला?."
रोहन गुस्से से -" तुझे।"
आर्यन को आयुष और रोहन को सिया पीछे से पकड़ लेती है।
आयुष - " मेरा दोस्त लफंगा किस एंगल से दिखता है तुझे, यह तो सॉफ्टवेयर इंजीनियर है।"
"ये ...जिसके खुद के सॉफ्टवेयर का पता नहीं है।"सिया हंसकर मजाक उड़ाते हुए ।
आयुष उदास होकर मुंह फुलाकर "ऐसा मत बोलो, यह सच मे सॉफ्टवेयर इंजीनियर है।"
सिया "इससे अच्छा तो गल्ली का गुंडा दिखता है।"
आर्यन गुस्से से चिल्लाकर - "येस आई एम् रॉउडी।"
सिया और रोहन हंसने लगते है तो वहां उपस्थित लोग उन्हें देखने लगते है।
आर्यन मुस्कुराकर - "मुझसे शादी करोगी"
सिया हंसकर - "चल जा वे कोई और देख, मै तेरे जैसो की नियत से अच्छी तरह वाकिफ हूं। पहले शादी की बात, फिर चार रात, फिर तुम अपनी गल्ली।"
सिया रोहन का हाथ पकड़कर चलने लगती है।
आयुष - "मेरा दोस्त ऐसा नहीं है।"
सिया - "मै अच्छी तरह जानती हूं तेरे दोस्त को और तुझे।"
आर्यन - "मेरे बारे में कुछ भी कह, पर मेरे दोस्त के बारे में कुछ कहा तो तेरा मुंह तोड़ दूंगा।"
सिया चिल्लाकर - "एक बार नहीं सौ बार कहूंगी।
आर्यन उसकी ओर चलता है तो आयुष उसको पकड़ लेता है।
आर्यन - "इतना एटिट्यूड लाता कहां से है तू?"
आयुष - "चल मेरे भाई।"
वह पकड़कर चलने लगता है।
सिया चिल्लाकर - "ले जा वरना मेरे हाथो मारा जाएगा।"
सिया और रोहन चले जाते है और आयुष और आर्यन भी चला जाता है।
अब रात को आर्यन और आयुष हाथ में बीयर लिए हुए पीते हुए चलते हुए आ रहे है।
आयुष नशे में - आर्यन से - यह लडकियां अपने आपको समझती क्या है?
आर्यन - " अब तुझे क्या हो गया है?"
आयुष - "सुबह वह लड़की, अपने भाई को एटिट्यूड दिखा रही थी।"
आर्यन -" उसका नाम सिया है।
आयुष - " वहीं सबक सिखाना चाहिए था, सॉरी मैंने तुझे पकड़ लिया था।"
आर्यन -" चल अभी सिखा देते है।
आयुष - चल भाई।
दोनो कार के पास आकर कार मे बैठ जाते है। आर्यन कार चला देता है और जहीर के घर के बाहर कार रोकता है।
आर्यन गेट खोलकर नीचे उतरकर चलते हुए - ये घमंडी लड़की बाहर निकल।
आयुष गेट खोलकर - हम कहां आ गए है?
आर्यन - उसी का।
आयुष झट से नीचे उतरकर आयुष को पकड़ता है।
आयुष डरते हुए - भाई चल, यह इंडिया नहीं अमेरिका है, यहां की पुलिस बहुत सख्त है।
आर्यन छुड़ाने कि कोशिश करते हुए - अमेरिका है तो क्या कर लेगा कोई तेरे भाई का, इसको तो सबक सिखा कर रहूंगा।
आर्यन छुड़ाकर चलते हुए चिल्लाकर - तू क्या ब्यूटी क्वीन है कही की?
आयुष - भाई मुझे लगता ज्यादा हो गई है।
आयुष दौड़कर आर्यन को पीछे से पकड़ लेता है।
आर्यन - अबे यह अमेरिकन शराब तेरे भाई का कुछ भी नहीं बिगाड़ सकती है।
आर्यन छूटकर फिर से चलने लगता है।
आयुष - अमेरिकन जेल की हवा खाना ही नसीब में है तो वह भी सही। दोस्ती मे लोग जान दे देते है , मै अपने भाई के लिए जेल की हवा भी नहीं खा सकता हूं।
आर्यन मुस्कुराकर - दोस्त हो तो तेरे जैसा, तू दोस्त नहीं कोहनूर हीरा है।
आयुष मुड़कर कार की ओर चलने लगता है।
आयुष - मै आया।
आर्यन - अबे तेरी तारीफ क्या कर दी, तू तो भागने लगा। रुक अभी तेरे भाई की सेटिंग भी ना हुई है।
आयुष मुड़कर आर्यन की ओर चलते हुए - तेरी सेटिंग के चक्कर में पुलिस मीटिंग होना पक्की है।
आयुष आर्यन को पकड़कर कार की ओर चलने लगती है।
आयुष - मेरी समझ में यह नहीं आता है कि सीधी लडकियां गुण्डो से और लडको को एटिट्यूड वाली लडकी ही क्यों पसंद आती है। साली हमारी बात करने में फट जाती है, उनकी लाइफ लॉन्ग कैसे चलती होगी।
आर्यन मुस्कुराकर - ये प्यार है इसमें सब चलता है।
आयुष - इसको छोड़ अपने लिए कोई सिम्पल लड़की ढूढते है, यहां तेरी दाल नहीं गलने वाली है।
आर्यन - कैसा यार है तू मदद कर रहा है या डरा रहा है।
फिर आर्यन हाथ छुड़ाकर चिल्लाकर - सिया।
सिया गेट खोलती है।
आयुष डरकर आर्यन का हाथ पकड़कर - चल निकलते है।
आयुष मुड़ता है तो आर्यन उसका हाथ पकड़कर - तू डरता क्यो है?.
सिया चलकर आ रही होती है।
आर्यन बांहे फैलाकर चिल्लाकर - तू मुझको भा गई, दिल बिच समा गई।
आयुष - वो अपनी ओर आ रही है।
आर्यन - तू जा कार मे बैठ, मै आता हूं।
आयुष - नहीं मै तेरे साथ जाऊंगा।
आर्यन - समझाकर यार , दाल गलने दे, उसमे हड्डी मत बन।
आयुष - वाह अब मै हड्डी बन गया? अभी तक जान था।
आर्यन - जान तो वो आ रही है।
आयुष चलते हुए - वाह बेटे, लड़की के मिलते ही दोस्त बेगाना।
सिया पिस्टल निकालकर गोली चलाती है जो आर्यन के बगल से निकल जाती है।
आर्यन डरकर - पगला गई है का? गोली लग जाती तो मेरा यही राम राम हो जाता।
आर्यन पीछे की ओर खिसकने लगता है। सिया फिर से गोली चलाती है।
सिया गुस्से से - क्या कह रहा था? आई लव यू।
आर्यन आयुष को पकड़कर नीचे बैठ जाता है गोली उनके ऊपर से निकल जाती है।
आर्यन मुस्कुराकर - नहीं जी, मै तो आई हेट यू बोल रहा था।
आर्यन आयुष खड़े हो जाते है।
सिया फिर से गोली चलाती है जो आर्यन के टांगो के नीचे से निकल जाती है।
आर्यन - आई लव यू कहूं तब भी आई हेट यू कहूं तब गोली चलाती है।
सिया - हां।
आयुष शांत खड़ा है। आर्यन उसको हिलाता है।
आर्यन - भाग।
आर्यन दौड़ने लगता है तो आयुष देखकर डरकर दौड़ने लगता है। आर्यन गेट खोलकर कार मे बैठकर आयुष की ओर कार चला देता है।
आर्यन - जल्दी आ।
आयुष कार में बैठ जाता है। वहीं सिया भी आ जाती है तो आर्यन सिया को लिप तू लिप किस कर देता है। सिया शांत खड़ी रह जाती है और फिर पीछे की ओर कार चला देता है। सिया अपने आपको हिलाकर होश में लाती है।
सिया कार की ओर गोली चला कर - आई लव यू।
आर्यन - अभी नहीं सुबह।
सिया दूसरी गोली चलाती है।
सिया - आई मिस यू।
आर्यन कार मोड़कर गोली से अपने आपको बचाकर - कल आऊंगा जानू।
और कार चली जाती है। आयुष एक लम्बी सांस लेता है।
आयुष - क्या डेंजर औरत है? जान बाल बाल बच गई। सच मे शेरनी है। तूने देखा गोली कैसे चला रही थी? मानो कोई गेगस्टर हो।
आर्यन - वह शेरनी है तो तेरा भाई भी बब्बर शेर है।
आयुष मजाक उड़ाते हुए - वह देख लिया तू कितना बड़ा शेर है।
आर्यन - शेर जंगल मे रहने दे और मुझे सोने तू गाड़ी चला।
आयुष - यार तू किस मिट्टी का बना है? थोड़ी देर पहले जान पर बन आई थी, तुझे नीद कैसे आ सकती है।
आर्यन - प्यार मे नोक झोक ना हो तो मज़ा नहीं आता है।
आयुष - तू अब भी उससे प्यार करता है, अगर गोली एक इंच नीचे होती तो अब तक हम दोनों यम पुरी की सेर कर रहे होते।
आर्यन मुस्कुराकर - वह मुझे गोली मार सकती थी तू क्या सोचता है?
आयुष - सोचता नहीं हूं, देखकर आया हूं।
आर्यन - वह अभी मुझे नहीं भूली है।
आयुष - तू उसे जानता है।
आर्यन - येस, अगर वह गोली मारना चाहती तो दो इंच ऊपर नहीं दो इंच नीचे लगती।
आर्यन सोचना शुरू कर देता है।
इंडियन डिफेंस एकेडमी दोपहर के 12 बज रहे है। आसमान में कड़क धूप है। हवा का कोई अता पता नहीं है कि हवा कभी चलती भी है। इसे मे ट्रेनिंग के लिए आए हुए सभी कैंडिडेट लाइन से खड़े है।
परेड ऑफीसर - कैंडिडेट सावधान, बिग्रेडियर सर आ रहे है।
बिग्रेडियर सूर्य देव आकर उनके सामने खड़े हो जाते है।
सूर्यदेव - आप सभी कैंडिडेट देश के कोने कोने से आए हुए ताकि ट्रेनिंग प्राप्त करकर आप देश के ऑफीसर बन कर देश सेवा कर सके, इसीलिए तुम्हारा हर तरीके से मजबूत बनना अति आवश्यक है और अनुशासित होना भी। यहां तुम्हे हर बात की स्वतंत्रता होगी पर अनुशासनहीनता की नहीं। देश के कोने कोने से आए हुए आप सभी आर्मी कैंप की नियमावली का पालन करेंगे। ऐसी मै उम्मीद करता हूं। किसी को कोई शक।
ऑल कैंडिडेट - नो सर।
सूर्यदेव - अबे इतना तेज बोलो, बॉर्डर के उस पर खड़ी दुश्मन की आर्मी भी तुम्हारी आवाज यही सुनकर धरा जाए।
ऑल कैंडिडेट चिल्लाकर - जी सर।
सूर्यदेव - कल से तुम्हारी ट्रेनिंग शुरू हो जाएगी। तो मूव एंड गो।
ऑल कैंडिडेट - जी सर।
और मुड़कर चलने लगते है।
सुबह के पांच बज रहे है। चारो तरफ थोड़ा कुंहरा होता है। आर्यन के दो दोस्त अभिषेक और जय लडको के साथ ग्राउंड मे खड़े है। सामने से लडकियां दौड़ते हुए आ रही है। जिनमे सबसे आगे सिया होती है। सिया उस कुहरे मे ऐसी लग रही थी जैसे कोई जन्नत की परी अभी आसमान से उतरी हो।
जय - यार ऐसी ब्यूटी मैंने आजतक नहीं देखी है।
अभिषेक - गलत मत सोच , तेरी होने वाली भाभी है।
जय अभिषेक का मुस्कुराकर मजाक उड़ाते हुए - शक्ल देखी अपनी।
अभिषेक - यहां आइना ही नहीं है कैसे देखूंगा।
आर्यन आता है।
आर्यन - क्या चल रहा है?
जय - तेरी भाभी कैसी लगी तुझे, देख वह रही।
जय सिया की ओर इशारा करता है।
आर्यन - भाभी छोड़, बिग्रेडियर सूर्य देव ने सुन लिया तो प्यार करना तो छोड़ तेरे अपने प्यार के लाले पड़ जाएंगे। चल परेड शुरू हो गई है।
कैंडिडेट लाइन से खड़े लड़की दो लाइन और लड़के भी दो लाइन में खड़े है। आर्यन जय अभिषेक आकर बॉय की लाइन में खड़े हो जाते है।
ऑफीसर - रन।
सभी कैंडिडेट दौड़ने लगते है। जय अभिषेक दौड़कर सिया के बगल मे आकर दौड़ने लगते है।
जय मुस्कुराकर - हाय।
आर्यन दौड़कर बगल से निकलते हुए - रनिंग पर ध्यान दे, लड़की पर नहीं।
जय - भाई रनिंग तो कल भी होगी पर लड़की हाथ से निकल गई तो देखते रह जायेगे।
आर्यन दौड़कर चला जाता है। सिया भी देखकर स्पीड मे दौड़ने लगती है।
जय - यहां हम बात कर रहे पर वह उसके पीछे भाग रही है।
अभिषेक मुस्कुराकर - कोई ओर देख ले वह तो हाथ से गई।
अभिषेक भी स्पीड मे दौड़कर चला जाता है।
अब दोपहर के 12 बज रहे है और सभी कैंडिडेट कैंटीन के अंदर खाना खा रहे है। आर्यन और सिया एक दूसरे के बगल मे बैठकर एक दूसरे की प्लेट से खाना खा रहे है। अभिषेक और जय आते है।
अभिषेक देखकर मुस्कुराकर - ना तेरी ना मेरी, वो देख हमारी भाभी।
जय - कहां?
जय देखकर शांत खड़ा होकर सीने पर हाथ रख लेता है।
अभिषेक - हमको सलाह देकर खुद इश्क फरमा रहा है।
जय - चल पूछते है क्या बात चल रही है?
अभिषेक - जैसे वह सब बता देगा।
वह दोनो चलने लगते है।
जय - वह अपना भाई है, उसको धोखा देना तो आता ही नहीं है।
अभिषेक - देखकर भी अनजान बनाना तुझसे सीखना चाहिए।
दोनो आर्यन के पास आ जाते है। सिया उन्हे देखकर खड़ी होकर चलने लगती है। अभिषेक आंखो से इशारा करता है तो जय उसको चुप रहने का इशारा करता है। आर्यन बैठने का इशारा करता है तो दोनो बैठ जाते है।
जय - यह बता वह यहां बैठी थी?
आर्यन - सिया।
वह दोनो एक दूसरे को आश्चर्य चकित होकर देखते है।
अभिषेक मुस्कुराकर - सुना तूने उसका नाम सिया है। इसको कैसे मालूम? अब तो समझ ले तेरा पत्ता साफ।
जय - कूल ब्रो।
आर्यन कहानी सुनाता है। अगले भाग में।