shabd-logo

गौ माता

9 मार्च 2022

18 बार देखा गया 18
कहते हैं कि जो गौ माता के खुर से उड़ी हुई धूलि को सिर पर धारण करता है, वह मानों तीर्थ के जल में स्नान कर लेता है और सभी पापों से छुटकारा पा जाता है । पशुओं में बकरी, भेड़, ऊंटनी, भैंस का दूध भी काफी महत्व रखता है। किंतु केवल दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के कारण भैंस प्रजाति को ही प्रोत्साहन मिला है, क्योंकि यह दूध अधिक देती है व वसा की मात्रा ज्यादा होती है, जिससे घी अधिक मात्रा में प्राप्त होता है। 
गाय का दूध गुणात्मक दृष्टि से अच्छा होने के बावजूद कम मात्रा में प्राप्त होता है। दूध अधिक मिले इसके लिए कुछ लोग गाय और भैंस का दूध क्रूर और अमानवीय तरीके से निकालते हैं। गाय का दूध निकालने से पहले यदि बछड़ा/बछिया हो तो पहले उसे पिलाया जाना चाहिए। वर्तमान में लोग बछड़े/बछिया का हक कम करते है। साथ ही इंजेक्शन देकर दूध बढ़ाने का प्रयत्न करते हैं, जो की उचित नहीं है। 
 
प्राचीन ग्रंथों में सुरभि (इंद्र के पास), कामधेनु (समुद्र मंथन के 14 रत्नों में एक), पदमा, कपिला आदि गायों  महत्व बताया है। जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर ऋषभ देवजी ने असि, मसि व कृषि गौ वंश को साथ लेकर मनुष्य को सिखाए। हमारा पूरा जीवन गाय पर आधारित है। शिव मंदिर में काली गाय के दर्शन मात्र से काल सर्प योग निवारण हो जाता है।
 
गाय के पीछे के पैरों के खुरों के दर्शन करने मात्र से कभी अकाल मृत्यु नहीं होती है। गाय की प्रदक्षिणा करने से चारों धाम के दर्शन लाभ प्राप्त होता है, क्योंकि गाय के पैरों चार धाम है। जिस प्रकार पीपल का वृक्ष एवं तुलसी का पौधा आक्सीजन छोड़ते है। एक छोटा चम्मच देसी गाय का घी जलते हुए कंडे पर डाला जाए तो एक टन ऑक्सीजन बनती है। इसलिए हमारे यहां यज्ञ हवन अग्नि -होम में गाय का ही घी उपयोग में लिया जाता है। प्रदूषण को दूर करने का इससे अच्छा और कोई साधन नहीं है। धार्मिक ग्रंथों में लिखा है "गावो विश्वस्य मातर:" अर्थात गाय विश्व की माता है। गौ माता की रीढ़ की हड्डी में सूर्य नाड़ी एवं केतुनाड़ी साथ हुआ करती है, गौमाता जब धुप में निकलती है तो सूर्य का प्रकाश गौमाता की रीढ़ हड्डी पर पड़ने से घर्षण द्धारा केरोटिन नाम का पदार्थ बनता है जिसे स्वर्णक्षार कहते हैं। यह पदार्थ नीचे आकर दूध में मिलकर उसे हल्का पीला बनाता है। इसी कारण गाय का दूध हल्का पीला नजर आता है। इसे पीने से बुद्धि का तीव्र विकास होता है। जब हम किसी अत्यंत अनिवार्य कार्य से बाहर जा रहे हों और सामने गाय माता के इस प्रकार दर्शन हो की वह अपने बछड़े या बछिया को दूध पिला रही हो तो हमें समझ जाना चाहिए की जिस काम के लिए हम निकले हैं वह कार्य अब निश्चित ही पूर्ण होगा। गौ माता का जंगल से घर वापस लौटने का संध्या का समय (गोधूलि वेला) अत्यंत शुभ एवं पवित्र है। गाय का मूत्र गो औषधि है। मां शब्द की उत्पत्ति गौ मुख से हुई है। मानव समाज में भी मां शब्द कहना गाय से सीखा है। जब गौ वत्स रंभाता है तो मां शब्द गुंजायमान होता है। गौ-शाला में बैठकर किए गए यज्ञ हवन ,जप-तप का फल कई गुना मिलता है। बच्चों को नजर लग जाने पर, गौ माता की पूंछ से बच्चों को झाड़े जाने से नजर उत्तर जाती है, इसका उदाहरण ग्रंथों में भी पढ़ने को मिलता है,  जब पूतना उद्धार में भगवान कृष्ण को नजर लग जाने पर गाय की पूंछ से नजर उतारी गई। 
 
गौ के गोबर से लीपने पर स्थान पवित्र होता है। गौ-मूत्र का पवन ग्रंथों में अथर्ववेद, चरकसहिंता, राजतिपटु, बाण भट्ट, अमृत सागर, भाव सागर, सश्रुतु संहिता में सुंदर वर्णन किया गया है। काली गाय का दूध त्रिदोष नाशक सर्वोत्तम है। रुसी वैज्ञानिक शिरोविच ने कहा था कि गाय का दूध में रेडियो विकिरण से रक्षा करने की सर्वाधिक शक्ति होती है। गाय का दूध एक ऐसा भोजन है, जिसमें प्रोटीन कार्बोहाइड्रेड, दुग्ध, शर्करा, खनिज लवण वसा आदि मनुष्य शरीर के पोषक तत्व भरपूर पाए जाते है। गाय का दूध रसायन का करता है। 
 
आज भी कई घरों में गाय की रोटी राखी जाती है। कई स्थानों पर संस्थाएं गौशाला बनाकर पुनीत कार्य कर रही है, जो कि प्रशंसनीय कार्य है। साथ ही यांत्रिक कत्लखानों को बंद करने का आंदोलन, मांस निर्यात नीति का पुरजोर विरोध एवं गौ रक्षा पालन संवर्धन हेतु सामाजिक धार्मिक संस्थाएं एवं सेवा भावी लोग लगातार संघर्षरत है। 
 
दुःख इस बात का भी होता है कि लोग गाय को आवारा भटकने के लिए बाजारों में छोड़ देते है। उन्हें इनके भूख प्यास की कोई चिंता ही नहीं होती। लोगों को चाहिए की यदि गाय पालने का शौक है तो उनकी देखभाल भी आवश्यक है, क्योंकि गाय हमारी माता है एवं गौ रक्षा करना हमारा परम कर्तव्य है।
19
रचनाएँ
गाय माता से जुड़ी जानकारी
0.0
गाय माता से जुड़ी जानकारी
1

गाय व भैंस के दूध में अंतर- जो बहुत कम लोग जानते हैं !

29 नवम्बर 2021
5
2
2

गाय व भैंस के दूध में अंतर-<div>जो बहुत कम लोग जानते हैं !</div><div><br></div><div>भैंस अपने बच्चे

2

गाय हमारी माता है.. एक महत्वपूर्ण लेख

1 दिसम्बर 2021
1
0
0

गाय हमारी माता है.. एक महत्वपूर्ण लेखएक बार मध्यप्रदेश के इन्दौर नगर में एक रास्ते से ‘महारानी देवी अहिल्यावाई होल्कर के पुत्र मालोजीराव’ क

3

अंग अंग में गौ माता के ,सब देवों का धाम है में ,बारम्बार प्रणाम है ॥

1 दिसम्बर 2021
2
0
0

अंग अंग में गौ माता के ,सब देवों का धाम है में ,बारम्बार प्रणाम है ॥नेत्रों में हैं सूर्य चंद्र ,मस्तक में रहते हैं ब्रम्हा ,सींगों में विष्णु महेश हैं ,गऊ मूत्र में जगदम्बा ,मुख में चारों वेद विराजें

4

गौ सेवा परमोधर्मः जानिये सनातन में गाय को मां क़हा गया और क्यूँ भारतीय गाय विश्व में सर्वश्रेष्ट मानी जाती है

2 दिसम्बर 2021
1
0
0

गौ सेवा परमोधर्मः जानिये सनातन में गाय को मां क़हा गया और क्यूँ भारतीय गाय विश्व में सर्वश्रेष्ट मानी जाती हैभारतीय गायें विदेशी तथाकथित गायों की तरह बहुत समय तक जंगलों में हिंसक पशु के रूप में

5

देशी गाय के गोबर की भस्म ही भरपुर गुणों की खान हैं

2 दिसम्बर 2021
1
0
0

देशी गाय के गोबर की भस्म ही भरपुर गुणों की खान हैंअगर आप गौ-भस्म को ध्यान से पढ़ेगें तो पायेंगे कि यह गौ भस्म ( राख ) आपके लिए कितनी उपयोगी है । साधु-संत लोग संभवतः इन्ही गुणों के कारण इसे प्रसाद रूप म

6

गौ माता धरती की सबसे बड़ी वैद्यराज

2 दिसम्बर 2021
1
0
0

गौ माता धरती की सबसे बड़ी वैद्यराज भारतीय संस्कृति में गौमाता की सेवा सबसे उत्तम सेवा मानी गयी है, श्री कृष्ण गौ सेवा को सर्व प्रिय मानते हैं .. शुद्ध भारतीय नस्ल की गाय की रीढ़ में सूर्

7

गोमूत्र

2 दिसम्बर 2021
1
0
0

गोमूत्र वात और कफ़ को अकेला ही नियंत्रित कर लेता है| पित्त के रोगों के लिए इसमें कुछ औषधियाँ मिलायी जाती हैं|गोमूत्र में पानी के अलावा कैल्शियम, सल्फर,आयरन जैसे १८ सूक्ष्म पोषक तत्व पाए जाते हैं|

8

"गाय से जुड़ी कुछ रोचक जानकारी"

3 दिसम्बर 2021
2
2
0

"गाय से जुड़ी कुछ रोचक जानकारी"1. गौ माता जिस जगह खड़ी रहकर आनन्दपूर्वक चैन की सांस लेती है। वहाँ वास्तु दोष समाप्त हो जाते हैं। 2. जिस जगह गौ माता खुशी से रभांने लगे उस

9

सर्दियों में ख़ास गोमूत्र पान

4 दिसम्बर 2021
0
0
0

सर्दियों में ख़ास गोमूत्र पान शरीर की पुष्टि के साथ शुद्धि भी आवश्यक है | गोमूत्र शरीर के सूक्ष्म-अतिसूक्ष्म स्त्रोतों में स्थित विकृत दोष को मल–मुत्रादि के द्वारा बाहर निकाल देता है | इसमें स्थि

10

गाय

4 दिसम्बर 2021
1
0
0

*गायप्रश्न- गाय एक पशु है। उसकी क्या महिमा है ?*_उत्तर - गाय प्राणियोंका आधार तथा कल्याणकी निधि है। भूत और भविष्य गौओंके ही हाथमें है। गौओंकी सेवामें जो कुछ दिया जाता है, उसका फल अक्षय होता है।प्रश्न-

11

गोवंशसंवर्धन राष्ट्रसंवर्धन

16 फरवरी 2022
1
0
0

गोवंशसंवर्धन राष्ट्रसंवर्धन दूध में तत्व :-- विटामिन -- छः प्रकार के प्रोटीन -- आठ प्रकार के खनिज तत्व -- पच्चीस प्रकार के एमिनो एसिड -- इक्कीस प्रकार केनाइट्रोजन -- उनत्त

12

गाय और भैंस की कुछ आश्चर्यजनक और दिलचस्प जानकारी। दोनों में अंतर

18 फरवरी 2022
1
0
0

सनातन संस्कृतिगाय और भैंस की कुछ आश्चर्यजनक और दिलचस्प जानकारी।दोनों में अंतर 1. भैंस अपने बच्चे से पीठ फेर कर बैठती है चाहे उसके बच्चे को कुत्ते खां जायें वह नहीं बचायेगी, जबकि गाय के बच्चे के प

13

गौ माता

8 मार्च 2022
1
0
0

गौ माता 1-हर व्यक्ति जन्म लेता है गो-पुत्र के रूप में-इसलिये उसका एक गोत्र होता है।2-हर व्यक्ति अपना विवाह मुहूर्त चाहता है -गो धूलि बेला में।3-हर व्यक्ति मृत्यु के बाद जाना चाहता है गोलोक धाम,हर

14

गौ माता

9 मार्च 2022
1
0
0

कहते हैं कि जो गौ माता के खुर से उड़ी हुई धूलि को सिर पर धारण करता है, वह मानों तीर्थ के जल में स्नान कर लेता है और सभी पापों से छुटकारा पा जाता है । पशुओं में बकरी, भेड़, ऊंटनी, भैंस का दूध भी काफी मह

15

अब गाय के पेट में से प्लास्टिक पौलिथिन निकलने के लिए पेट फाड़ने की जरूरत नहीं..

10 मार्च 2022
1
0
0

अब गाय के पेट में से प्लास्टिक पौलिथिन निकलने के लिए पेट फाड़ने की जरूरत नहीं..गाय के पेट से प्लास्टिक पौलिथिन को समाप्त करने का *सफल उपचार➖सामग्रीः100 ग्राम सरसों का तेल,100 ग्राम तिल का तेल,100 ग्रा

16

देशी गाय का दूध अमृत है, जानिए क्यों ?

12 मार्च 2022
1
0
0

देशी गाय का दूध अमृत है, जानिए क्यों ? भारतीय नस्ल की गाय से प्राप्त घी, दूध, छाछ, मट्ठा, मक्खन वरदानरूपी हैं जिनके अनेक स्वास्थ्य लाभ हैं हम यहन पर आपको गौ दुग्ध के ल

17

जय गौमाता

4 अप्रैल 2022
0
0
0

गावःपवित्रं परमं गावाे माङ्गल्यमुत्तमम् ।गावःस्वर्गस्यसाेपानं गावाे धन्याः सनातनाः।।____गायें परम पवित्र, परम मंगलमयी ,____स्वर्ग की साेपान, सनातन एवंम____धन्यस्वरूपा है ।गवां हि त

18

हर प्रकार की अशुभता दूर करने के लिए गाय के अचूक उपाय

4 जून 2022
1
0
0

समुद्र-मंथन से जो चौदह रत्न निकले उनमें एक कामधेनु थी। सभी गौएं कामधेनु ही की संतानें हैं। सभी कामनाओं व सुखों को देने वाली होने के कारण गाय कामधेनु कहलाती है । गाय का रोम-रोम सात्विकता और पवित्रता से

19

गोसेवा धर्म हमारा

5 जून 2022
0
0
0

1-हर व्यक्ति जन्म लेता है गो-पुत्र के रूप में-इसलिये उसका एक गोत्र होता है।2-हर व्यक्ति अपना विवाह मुहूर्त चाहता है -गो धूलि बेला में।3-हर व्यक्ति मृत्यु के बाद जाना चाहता है गोलोक धाम,हर आत्मा चाहती

---

किताब पढ़िए