गोमूत्र वात और कफ़ को अकेला ही नियंत्रित कर लेता है| पित्त के रोगों के लिए इसमें कुछ औषधियाँ मिलायी जाती हैं|
गोमूत्र में पानी के अलावा कैल्शियम, सल्फर,आयरन जैसे १८ सूक्ष्म पोषक तत्व पाए जाते हैं|
त्वचा का कैसा भी रोग हो, वो शरीर में सल्फर की कमी से होता है| Soarises, egzima, घुटने दुखना, खाँसी, जुकाम, टीबी के रोग आदि सब गोमूत्र के सेवन से ठीक हो जाते हैं क्योंकि यह सल्फर का भंडार है|
टीबी के लिए डोट्स का जो इलाज है, गोमूत्र के साथ उसका असर २०-४० गुणा तक बढ़ जाता है!
शरीर में एक रसायन होता है जिसेcurcumin कहते हैं| इसकी कमी से कैंसर रोग होता है| जब इसकी कमी होती है तो शरीर के सेल बेकाबू हो जाते हैं और ट्यूमर का रूप ले लेते हैं| गोमूत्र और हल्दी में यह रसायन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है|