यूपीएससी की ओर से आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में गोरखपुर के दो होनहारों ने सफलता का परचम लहराया है। शहर के तारामंडल निवासी कारोबारी बीके मिश्रा की पुत्री अंकिता को 105वीं रैंक मिली है, जबकि बिछिया मोहल्ला निवासी रेलवे के अफसर प्रभुनाथ प्रसाद श्रीवास्तव के पुत्र अंशु कुमार को 163वीं रैंक मिली है।
तारामंडल क्षेत्र में सिद्धार्थ एन्क्वेल निवासी बीके मिश्रा की बड़ी बेटी अंकिता ने 2014 में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की पढ़ाई के लिए कैलिफोर्निया जाने का निर्णय लिया था। वहां से वजीफा भी मंजूर हो गया था, पर फिर विदेश जाने की योजना त्याग अंकिता आईएएस परीक्षा की तैयारी में जुट गईं। तीसरे प्रयास में उन्होंने 105वीं रैंक हासिल कर आईपीएस में स्थान पक्का कर लिया है। हरपुर बुदहट क्षेत्र में रामनगर सूरस गांव के मूल निवासी बीके मिश्रा की तीन संतानों में अंकिता सबसे बड़ी हैं।
अंकिता ने 10वीं तक की पढ़ाई शहर के एचपी चिल्ड्रेन स्कूल से की है। इंटर की पढ़ाई डीपीएस दिल्ली से पूरी करने के बाद उनका चयन बीटे कंप्यूटर साइंस में हो गया। अंकिता ने बताया कि उनके परिवार या रिश्तेदारों में कोई भी सिविल सेवा में नहीं है। इस परीक्षा में ऑप्शनल पेपर का बड़ा महत्व है। इसे क्लीयर कर लिया, तो आधी सफलता तय हो जाती है। पढ़ाई के घंटे तय कर इसकी तैयारी नहीं हो सकती।
अंशु ने IAS बनने के लिए छोड़ दी थी नौकरी
अंशु कुमार ने इंजीनियर की नौकरी छोड़ आईएएस की तैयारी शुरू की थी। शहर के बिछिया मोहल्ला निवासी अंशु ने आईआईटी से बीटेक करने के बाद इंजीनियर की नौकरी ज्वाइन कर ली थी, मगर एक ही साल में नौकरी छोड़ दी और सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में जुट गए। बिछिया मोहल्ला निवासी प्रभुनाथ प्रसाद श्रीवास्तव रेलवे में अफसर हैं। उनके पुत्र अंशु कुमार ने शुरुआती पढ़ाई शहर से ही की। बाद में अंशु दिल्ली चले गए। आईआईटी दिल्ली 2012 में बीटेक पास करने के बाद चेन्नई की एक इंटरनेशनल कंपनी में वे इंजीनियर हो गए।
2014 से उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की और तीसरे प्रयास में 163वीं रैंक हासिल करने में सफल हो गए। अंशु कुमार के चाचा मुरारी श्रीवास्तव ने बताया कि अंशु पढ़ने में शुरू से मेधावी थे। वे फिलहाल दिल्ली में हैं और उन्होंने खुद चयन की सूचना घर वालों को दी। अंशु कहते हैं कि सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी धैर्य व लगन से ही संभव है। कठिन परिश्रम व विषय पर मजबूत पकड़ से सफलता मिलती है।
Source: etv bihar
गोरखपुर की अंकिता और अंशु बने IAS, बहुत प्रेरित करने वाला है इनका संघर्ष