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गर्भपात -२

5 जुलाई 2024

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रोशनी:- मुझे उस हरामजादे पर बहुत गुस्सा आ रहा था। आजकल के लड़कों को न जाने क्या हो गया है ?? स्कूल, गली , मोहल्ले में सुंदर सी लड़की दिखाई दी और ये साले उस पर लाल टपकाना शुरू कर देते है। 
मैंने जिंदगी में कभी ऐसा सोचा नहीं था कि जो लड़का कभी मेरे साथ बातचीत भी नहीं करता था । वह इतनी बेहूदा हरकत भी कर देगा ।। 

मन बहुत व्याकुल था। मैं घर जाकर बिना कपड़ा उतारे ही अपने कमरे में जाकर सो गई । मेरी मां वीणा कुछ काम में व्यस्त थी। पता नहीं उसे कैसे आभास हो गया कि मैं आज दुखी हूं तो वह मेरे पीछे से ही मेरे कमरे में आ गई ।‌ 

अब तो मैं बहुत घबरा गई थी , क्योंकि अगर मैंने अपनी मां को सच्चाई बयान कर दी तो अरुण की ऐसी-तैसी हो जायेगी।। 

मेरी मां मेरे पीछे से आ रही थी। मैं जाकर अपने घर के अंदर पलंग पर लेट गई। 

वीणा :- अरे रोशनी क्या हुआ बेटी ?? आज तू कुछ परेशान सी दिखाई दे रही है।
किसी के साथ कुछ बात हुई है क्या ?? 

रोशनी :- मैं अपनी मां की बात का क्या जबाव दूं?? मेरे तो कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था । 

उस हरामजादे अरूण की खाट खड़ी करवा दूं या उसे बक्श दूं। 
मेरी मां भी मेरे पास पलंग पर बैठ गई और पूछ रही थी। 

अरे रोशनी ! तू चुप क्यों हैं?? मां के बार-बार पूछने पर मेरे अंदर की भावुकता जाग उठी और मेरा मन अंदर से भाव विह्वल हो उठा । 
यही तो कारण था कि मेरी आंखों में आसूं आ गये थे। 

अगर मैं इन आंसू भरी आंखों को मां के सामने लेकर जाती तो मुझे सच्चाई बतानी पड़ती । मैने सोचा कि आज अरूण ने मेरे साथ पहली बार हरकत की है शायद मुझे उसे माफ कर देना चाहिए क्योंकि अगर मैने अपने माता-पिता को बता दिया तो उसकी लाइफ में भयंकर तूफान आ जायेगा । 

काफी सोचने के बाद, मैंने कहा । मां आप व्यर्थ में परेशान हो रही हो । आप सोच रही है जैसी कोई परेशानी नहीं है।
एक बार बाहर निकल कर देखिए तो सही कितना भयंकर तापमान हो रहा है। 

इतनी गर्मी में स्कूल से घर तक पैदल आने में एडी से चोटी तक पसीने छूट जाते हैं। यही कारण है कि मेरे सिर में दर्द हो रहा है।। 

बस इतनी सी बात है वीणा ने पूछा। 

अरे हां मां ! बस इतनी सी ही बात है । आप इतनी परेशान क्यों हो रही हो ?? अगर कोई दूसरी बात होगी तो मैं तुम्हारे साथ शेयर नहीं करूंगी क्या ?? 

नहीं बेटी अगर तुम्हारे साथ कुछ अनहोनी घटना घटित होती है तो तुम बिल्कुल ही मत छुपाना। क्योंकि इस समय सबसे अधिक घटनाएं लड़कियों के साथ ही हो रही है । 

कुत्सित प्रवृत्ति की कुछ बिगड़े हुए परिवार की नाजायज औलादें लड़कियों के साथ छेड़छाड़ करती हैं और उन्हें परेशान करती रहती है। अगर तुम्हारे साथ भी ऐसा कुछ होता है तो तुम उसी समय हमें बता देना क्योंकि मै अपनी प्यारी लड्डू बेटी को किसी की कुदृष्टि नहीं लगने देना चाहती। 

रोशनी :- मां की बातें सुनकर मुझे एक बार के लिए अहसास हो रहा था कि मैं उन्हें सच्ची घटना सुना दूं। लेकिन मैं यह नहीं चाहती थी, क्योंकि मैंने उस अरुण को अपने मन से माफ कर दिया था। 

क्योंकि मैने अपनी मम्मी ,चाची और भाभियों को बातें करते हुए सुना है कि व्यक्ति का यौवन ऐसा ही होता है । जिसमें एक बच्चे की जिंदगी में बदलाव होते हैं । इसके बारे में मैंने किताबों में भी पड़ा है। जब यह सब कुदरती होता है तो मैं अरूण को क्यों दोष दूं?? 

मैंने अपनी मां को स्पष्ट शब्दों में बोल दिया कि मां कुछ दिक्कत नहीं है । आपको टेंशन लेने की आवश्यकता नहीं है। 


मेरी मां चले जाने के बाद मैं कुछ समय तक सोचती रही। 

“ मैंने कहीं यह ग़लत तो नहीं कर दिया कि जो लड़का सजा का भागीदार था । उसे सजा से बचा लिया।” 

मेर मन की भावनाएं मुझे परेशान‌ कर रही थी। लेकिन अरुण के इस व्यवहार ने मुझे परेशान‌ कर दिया था। 

मैं सोचते-सोचते कुछ समय अपने मन को समझाती रही । मुझे अरूण के द्वारा किये जाने वाला अनवांटेड पीछा करना मेरी आंखों के सामने घूम रहा था‌। 

मैंने सोचा कि हो सकता है कि मैं यहां पर लेटे-लेटे शांत माहौल में हूं इसलिए मेरे मन की भावनाओं पर नियंत्रण नहीं कर पा रही हूं इसलिए मैंने खड़े होकर बाथरूम में हाथ पैर धोए और उसके बाद छत के ऊपर जाने की सोची । लेकिन मुझे ध्यान आया कि जब कमरे के अंदर गर्मी के कारण इतनी बुरी हालत हो रही है तो बाहर का मौसम तो बहुत ही तपन वाला है। 

मैं हाथ पैर धोने के बाद कूलर चलाकर लैट गई और अपनी यादों को भुलाने के लिए आंखें बंद करके सोने की कोशिश कर रही थी। लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी। 

कुछ देर तक बैचेनी से उलट-पुलट होती रही और अपने आप को समझाती रही । कूलर की ठंडी हवा ने धीरे-धीरे जब अपना असर दिखाया तो मुझे नींद आ गई। 

अरूण :- रोशनी के घर के अंदर प्रवेश कर जाने के बाद में उल्टे पांव अपने घर आ गया था । मुझे अंदर ही अंदर डर लग रहा था कि अगर रोशनी ने अपने घर जाकर अपने माता-पिता को सुना दिया तो कल मेरी बेइज्जती अवश्य होने वाली है। क्योंकि मुझे पता है कि स्कूल में शिकायत होने के बाद प्रिंसिपल साहब मुझे छोड़ने वाले नहीं हैं।। 

मेरा दिमाग चिंता में था । मै सोच रहा था कि रोशनी को छेड़कर कहीं मैंने कुछ ग़लत तो नहीं कर दिया। मैं भी गलत था । अगर मुझे यह सब करना ही था तो पहले उसके साथ दोस्ती बढ़ानी चाहिए थी । उसके बाद ही मुझे उसे प्रपोज करना था । 

मैं तो उसे बहुत ही भोली भाली लड़की समझता था लेकिन वह तो बड़ी खूंखार निकली । 

मुझे कहती हैं कि मैं तुम्हें बर्बाद कर दूंगी। 

“ उसे पता नहीं है कि मैं तो उसके प्रेम में पहले ही बर्बाद हो चुका हूं । वह मुझे आगे क्या बर्बाद करेगी ?? 
ठीक है ! अगर उसने मुझे बर्बाद करने की सोच ही ली तो मैं भी बर्बाद होने को तैयार हूं।” 

अब तो मैंने सोच लिया है कि शादी करूंगा तो उसके साथ नहीं तो आजीवन ब्रह्माचारी रहकर जीवन व्यतीत कर लूंगा या जहर खाकर आत्महत्या कर लूंगा । “ 

अचानक से मुझे न जाने कहां से प्रेरणा पैदा हो गई। क्योंकि रोशनी के रंग-ढंग उसका सुंदर रूप, उसकी सुंदर चाल , उसके चेहरे की मुस्कान मुझे प्रेम में कुछ भी करने के लिए प्रेरित कर रही थी।

अब तो मैंने सोच लिया कि ज्यादा सोचना बेकार है। अंकल मेरे मम्मी पापा को पता लगा तो वे भी सौ सवाल पूछेंगे। इसलिए कल क्या होगा वह कल ही सोचा जायेगा ?? 

अगल वह चाहती होगी कि मेरी इज्जत की धज्जियां उडवानी है तो वह उडवाकर ही रहेगी । फिर इसके बारे में क्या सोचना ?? 

“अब पछताये क्या होता है जब चिड़िया चुग गई खेत।”

क्रमशः 

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गर्भपात
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एक लड़की जो किसी लड़के के साथ मोहब्बत कर बैठती है। अबोध और अनजान होने के बाबजूद वह उस लड़केके साथ शारीरिक संबंध बनाती है और गर्भवती हो जाती है।जैसे ही उसके बॉयफ्रेंड को पता लगता है तो वह उसे गर्भपात कराना चाहता है लेकिन लड़की के अंदर अचानक से मातृत्व की भावना जागृत होती है और वह उस लडके को उसका वादा याद दिलाती है कि उसने प्रेम करते समय शादी करने का वादा किया था । अब वह समय आ गया है । लेकिन लड़का इस बात से इंकार कर देता है क्योंकि वह ऊंची जात वालों का होता है। भावनाओं से सराबोर यह कहानी आपके लिए एक नया संदेश देकर जाएगी।

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