प्यार था हमको गलत था मगर
दिल ने हमसे कहा हमनें तुमसे कहा
तुमने सुनकर ही हमसे किनारा किया
दर्द मुझको मिला क्या तुम्हारा गया
पर हमें तुमसे कोई शिकायत नहीं
भूल हमसे ही शायद कोई हो गयी
रात थी बात थी तुम नहीं साथ थी
तेरी थोडी सी यादें मेरे साथ थी
स्वप्न की अल्पना याद की कल्पना
तोडती ही रही मैं सजाता रहा
मैं उन्ही याद मे गुनगुनाता रहा
दिल था टूटा मगर मुस्कुराता रहा
आँख भरती रही दिल जलाता रहा
भाव कैसा भी हो गीत गाता रहा