हम तुम्हे भूल कर कैसे हो बेखबर
कैसे कर पाएँगे जिन्दगी का सफर
तुम रहे तो हमारी रवानी रही
तुम गये तो ये रोती कहानी रही
छूटते रास्ते टूटती डोरियां
डोरियां न कभी फिर से जुड पायेंगी
रास्ते मे मिलें लोग कैसे कभी
अजनबी होके दुनियाँ मे खो जायेंगें
दूर थे पास थे फिर भी अहसास थे
जल रही थी दिलों मे वो विश्वास थें
पर अचानक ये कैसा सफर आ गया
हम जुदा हो गये फूल कुम्हला गया
प्यार में जंग में दर्द मे संग में
तेरी मेरी ही पावन जवानी रहे
हम रहे न रहे इस जहाँ में मगर
फिर भी अपनी ये पावन कहानी रहें