shabd-logo

अन्तर को मेरे दहती है

25 नवम्बर 2021

144 बार देखा गया 144
जीवन मे राग विराग भरा 
स्वप्नो मे स्वर्णिम पुष्प खिला 
सपनों मे ही वह सूख झरा 
गीतों मे मधुरिम स्वर गूंजा 
फिर कृन्दन सा बनकर फूटा 
नैनो से अविरत बहती है 
धारा कुछ तो कुछ कहती है 
वेदना करुण उपजी मन में 
अन्तर को मेरे दहती है

Ajay awasthi sarvesh की अन्य किताबें

Jyoti

Jyoti

क्या बात

16 दिसम्बर 2021

Anita Singh

Anita Singh

बहुत ही सुन्दर उपमा का प्रयोग आपकी रचना में।

6 दिसम्बर 2021

मनीराम

मनीराम

क्या बात है

27 नवम्बर 2021

Nikesh

Nikesh

Very nice

26 नवम्बर 2021

गीता

गीता

👌👌👌

26 नवम्बर 2021

संजय पाटील

संजय पाटील

शानदार 👌

25 नवम्बर 2021

Ajay awasthi sarvesh

Ajay awasthi sarvesh

26 नवम्बर 2021

Dhanywad

27
रचनाएँ
कलम के आसूँ
5.0
इस पुस्तक की कविताओं के रुप में मैनें अपनी वेदना कम करने की कोशिश की है वेदना से मेरा तात्पर्य केवल प्रणय वेदना से नही है हाँ ये सत्य हो सकता है कि अधिकतर कवितायें प्रणय पर आधारित हैं पर कई कविताऍं लौकिक प्रश्न के रुप मे भी हैं जो प्रश्न मुझे सदा से आन्दोलित करते आयें है परन्तु उत्तर अभी तक नही मिल सका और उन प्रश्नो ने कविता का रुप ले लिया हाँ ये भी हो सकता है कि मेरे अंदर अनुभव की कमी हो इसलिये ये प्रश्न उठ रहे है पर जब वेदनाओं की गहराई का किसी मनुष्य से संगम होता है तब सिर्फ कवि और कविता का जन्म होता है तथा कवि के सुख दुख की अन्तिम संगिनी कलम बन जाती है तथा वेदना कविता उपन्यास कहानी या महाकाव्य आदि का रुप ले लेती है इस पुस्तक मे अपनी ऐसी ही कविताओ को संग्रहीत करने का प्रयास किया है ये सब बता कर मै कतई ये साबित नही करना चाहता कि मैने बहुत अच्छा लिखा , मैने तो सिर्फ अपनी डगमगाती भावनाओं को कविता के अंदर समेटने की कोशिश मात्र कि है हमें आशा है की आप सभी लोग इन कविताओं को पढ कर निष्पक्ष समीक्षा देंगें जिससे हम आप सभी लोगों की आकांक्षाओ मे खरा उतरने की कोशिश करते रहेंगे 🌹🌹🌹धन्यवाद 🌹🌹🌹 🙏🙏🙏
1

भाव कैसा भी हो गीत गाता रहा

23 नवम्बर 2021
55
61
4

<div>प्यार था हमको गलत था मगर</div><div>दिल ने हमसे कहा हमनें तुमसे कहा</div><div>तुमने सुनकर ही हमस

2

हकीकत

23 नवम्बर 2021
51
64
4

<div>सांस थमती नहीं दर्द जाता नहीं </div><div>जो दिया जिन्दगी ने वो भाता नहीं </div><div>र

3

विरह के गीत गायेंगें

23 नवम्बर 2021
52
62
4

<div>मोहब्बत भी हुई थी उनको</div><div>वो क्या भूल जायेंगें </div><div>कभी तो वो पुरानें दिन</di

4

फिर भी अपनी ये पावन कहानी रहे

23 नवम्बर 2021
54
62
4

<div>हम तुम्हे भूल कर कैसे हो बेखबर</div><div>कैसे कर पाएँगे जिन्दगी का सफर</div><div>तुम रहे तो हमा

5

कैसे गायें सुप्त व्यथायें

23 नवम्बर 2021
60
63
5

<div>कैसे गायें सुप्त व्यथायें</div><div>अपने मुख मे ताले होंगें </div><div>हो सकता ह समझ न पाय

6

तुमको पता है क्या हुआ

25 नवम्बर 2021
54
63
4

<div>तुमको पता है क्या हुआ</div><div>मैने मोहब्बत कर लिया</div><div>न मै रहा न तुम रहे</div><div>मिल

7

सब कुछ तो कहा नहीं जाता

25 नवम्बर 2021
56
63
6

<div>सब कुछ तो कहा नहीं जाता</div><div>सब कुछ तो सुना नहीं जाता</div><div>कुछ झुकी दृष्टी कह जाती है

8

खुद मोड लिया अपने मन को

25 नवम्बर 2021
55
63
7

<div>पर्वत का धीरज मत देखो</div><div>लहरों मे समंदर खोता है </div><div>था प्रेम छुपा जिसके खाति

9

अन्तर को मेरे दहती है

25 नवम्बर 2021
46
63
8

<div>जीवन मे राग विराग भरा </div><div>स्वप्नो मे स्वर्णिम पुष्प खिला </div><div>सपनों मे ह

10

तपन किसको दिखाओगे

25 नवम्बर 2021
59
67
13

<div>लगी जो आग है दिल में </div><div>तपन किसको दिखाओगे </div><div>कभी तो गीत लिख देना</div

11

घूँट जीवन का घुट घुट पिये जा रहे

30 नवम्बर 2021
15
16
4

<div>जिससे मिलकर के तन मन ये पावन बना</div><div>ऐसी पहली वो अपनी मुलाकात थी</div><div>प्रीत के ग्रंथ

12

तुझसे फिर से मिलने का विश्वास लिये फिरता हूँ

1 दिसम्बर 2021
11
12
6

<div>आंखो मे आँसू मन मे विश्वास लिये फिरता हूँ </div><div>तेरी कसमों की वादों की आश लिये फिरता

13

दीप

11 दिसम्बर 2021
4
3
3

<div>जग में कुछ खल विषधर रहते</div><div>आस्तीन मे जो हैं पलते</div><div>मर्यादा का मान न रखते</div><

14

पुलमावा शहीद 14 फरवरी

13 दिसम्बर 2021
2
3
2

<div>चौदह फरवरी को हम कैसे पर्व मनाएंगे!!!</div><div>जो बीत गयी उन बातो को हम कैसे यहाँ भुलायेगें&nb

15

कल्पना

13 दिसम्बर 2021
3
3
2

<div>कल्पना ऐसी है मेरी </div><div>मेरा जीवन यूँ सजा हो</div><div>प्रेम की मधुरिम विधा हो</div>

16

विभा के बाद सवेरा शान्त

13 दिसम्बर 2021
3
4
2

<div>धरा पर हुआ वज्र का पात </div><div>सभी के हृदय हुए स्तब्ध </div><div>दुबक कर बैठे सभी

17

मृत्यु

13 दिसम्बर 2021
7
5
6

<div>ये कैसा अन्याय जगत का </div><div>जगती का पर्याय गलत सा</div><div>जन्म हुआ त्योहार मनाते</d

18

भारत की व्यथा

13 दिसम्बर 2021
5
5
4

<div>मै सृजन हेतु तब तत्पर था</div><div>पतन लिये जब स्वर्णिम युग था</div><div>देता है इतिहास गवाही</

19

क्यो भ्रमित कर रहा पतन पतन

13 दिसम्बर 2021
4
4
3

<div>जुगनु कहता जब शाम हुई </div><div>चांदनी रात मेरा फल है </div><div>मेढ़क बैठा जब कुआं ब

20

सृजन सृजित हो गीत सँजो ले

13 दिसम्बर 2021
5
4
4

<div>कलरव से गूंजे विश्व गगन</div><div>नीड़ों से निकाले ध्वनि मधुरम </div><div>जगती में हो बस सृ

21

संदेह

13 दिसम्बर 2021
3
3
2

<div>सब कुछ था पास हमारे पर </div><div>कुछ तो सूना सूना पन था</div><div>हम तभी अचानक डूब गये</d

22

मैने पश्चिम को पूरब से

14 दिसम्बर 2021
3
2
2

<div>मैने पश्चिम को पूरब से</div><div>आ आकर मिलते देखा है </div><div>घिरे भयानक अन्धकार में&nbs

23

जगत में ये क्यो बारम्बार

14 दिसम्बर 2021
3
3
2

<div>प्रकृति को घेर रहा है काल</div><div>गगन में घोर घटा का जाल </div><div>धरा में दहक रहे अंगा

24

जो ख्वाब सजे थे आंखो मे

14 दिसम्बर 2021
3
3
2

<div>जो ख्व़ाब सजे थे आंखो मे</div><div>वो ख्व़ाब अचानक टूट गये</div><div>थी रात अँधेरी काली पर&nbsp

25

अवशेष शेष रह जायेंगे

14 दिसम्बर 2021
3
3
2

<p>अवशेष शेष रह जायेंगे </p> <p>इस युग का बोध कराने को</p> <p>सभ्यता समर्पित होगी फिर</p> <p>गौ

26

कोई छुटा था पहले भी

14 दिसम्बर 2021
3
3
2

<p>मैने जो भी गीत लिखा है </p> <p>उसकी पीडा सत्य नही है </p> <p>तड़पन तो सबके अंदर है</p> <

27

भारत की जय गान

14 दिसम्बर 2021
4
3
2

<p>यह जगत समर्पित हो जाये</p> <p>नव युग का नव निर्माण करे</p> <p>नव नभ पर उदित भाष्कर हो</p> <p>नव च

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए