आंखो मे आँसू मन मे विश्वास लिये फिरता हूँ
तेरी कसमों की वादों की आश लिये फिरता हूँ
प्रीत हेतु मन में अपने उपवास लिये फिरता हूँ
जंगल जंगल बस्ती बस्ती प्यास लिये फिरता हूँ
टूटे सपनों की मन मे बुनियाद लिये फिरता हूँ
तेरे संग के उन लम्हो की याद लिये फिरता हूँ
आंखो मे तस्वीर जगत में आश लिये फिरता हूँ
तुझसे फिर से मिलने का विश्वास लिये फिरता हूँ