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पुलमावा शहीद 14 फरवरी

13 दिसम्बर 2021

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चौदह फरवरी को हम कैसे पर्व मनाएंगे!!!
जो बीत गयी उन बातो को हम कैसे यहाँ भुलायेगें 
अपनी ही मिट्टी में फिर क्या सेना का लहू बहयेंगे
या घुसकर दुश्मन के घर से लाहौर कराची लायेंगे 
फिर गिलगित से ग्वदार तक अपने तीन रंग लहराएंगे 
तब मिलकर माता का अखंड ये राज तिलक करवायेंगे 
हैं कोटि कोटि सब सुत उनके कुछ सुत का धर्म निभायेंगे 
या इसी तरह जननी का मस्तक फिर से यहीं झुकाएंगे 
तलवार उठेगी युद्ध हेतु या तलवारें पिघलायेंगे
संहार मचाएंगे कुछ या बस संहारित हो आएगें 
राणा के वंशज होने का कुछ तो फिर मान बढ़ायेंगे
या उनकी दिव्य प्रकाशमयी आभा को भी ले जायेंगे 
थोडा विध्वंश मचा कर क्या चुटपुटिया बन रह जायेंगे
शोड़ित की प्यासी रणचंडी को प्यासे ही लौटायेंगे
या फिर विराटता से भरकर हुंकार कराल लगायेंगे
अमरीका तो क्या चीन रुस सब थर थर थर थर्रायेंगे 
हो गया बहुत ही शान्तिपाठ अब कोई सबक सिखायेंगे
चालिस जवान के कातिल को अब युद्ध धर्म दिखलायेंगे 
जो बीत गयी उन बातो को हम कैसे यहाँ भुलाएँगे 
चुल्लू भर पानी लेकर के सब डूब डूब मर जायेंगे
या शोड़ित की नदियों मे जाकर डूबकी कभी लगायेंगे
क्या लाज शर्म की बातो को सब घोल घोल पी जायेंगे
इस शोक दिवस के दिन भी क्या हम वलेंटाइन मनाएंगे ??

Ajay awasthi sarvesh की अन्य किताबें

Jyoti

Jyoti

बहुत बढ़िया

16 दिसम्बर 2021

27
रचनाएँ
कलम के आसूँ
5.0
इस पुस्तक की कविताओं के रुप में मैनें अपनी वेदना कम करने की कोशिश की है वेदना से मेरा तात्पर्य केवल प्रणय वेदना से नही है हाँ ये सत्य हो सकता है कि अधिकतर कवितायें प्रणय पर आधारित हैं पर कई कविताऍं लौकिक प्रश्न के रुप मे भी हैं जो प्रश्न मुझे सदा से आन्दोलित करते आयें है परन्तु उत्तर अभी तक नही मिल सका और उन प्रश्नो ने कविता का रुप ले लिया हाँ ये भी हो सकता है कि मेरे अंदर अनुभव की कमी हो इसलिये ये प्रश्न उठ रहे है पर जब वेदनाओं की गहराई का किसी मनुष्य से संगम होता है तब सिर्फ कवि और कविता का जन्म होता है तथा कवि के सुख दुख की अन्तिम संगिनी कलम बन जाती है तथा वेदना कविता उपन्यास कहानी या महाकाव्य आदि का रुप ले लेती है इस पुस्तक मे अपनी ऐसी ही कविताओ को संग्रहीत करने का प्रयास किया है ये सब बता कर मै कतई ये साबित नही करना चाहता कि मैने बहुत अच्छा लिखा , मैने तो सिर्फ अपनी डगमगाती भावनाओं को कविता के अंदर समेटने की कोशिश मात्र कि है हमें आशा है की आप सभी लोग इन कविताओं को पढ कर निष्पक्ष समीक्षा देंगें जिससे हम आप सभी लोगों की आकांक्षाओ मे खरा उतरने की कोशिश करते रहेंगे 🌹🌹🌹धन्यवाद 🌹🌹🌹 🙏🙏🙏
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