गुस्से से पागल होता लल्लू लाल भूत भयंकर चित्कार करता हुआ गुफा से बाहर निकल कर बहुत जोर से चिल्लाता है - जमूरा रा रा रा रा रा तभी जमूरा लल्लू भूत के सामने आकर खड़ा हो जाता है, वह समझ चुका था, अब लल्लू स
अपना काम पूरा करके चुड़ैल वापिस जंगल में गुफा की ओर पूरे गुस्से में अपने असली भयानक रूप में आती है। जम्बूरा और कच्चा कलुआ गुफा से बाहर खेल रहे थे। जम्बूरा चुड़ैल को नजरअंदाज करते हुए उसकी ओर नहीं देखता।
लल्लू भूत की आज्ञा के अनुसार चुड़ैल एक बार फिर बजरंगी पहवान का रूप बनाकर कॉन्सटेबिल के खून से सने कपड़े लेकर गांव की ओर बढ़ने लगती है। उसे वहीं खड़े जम्बूरा देख रहा था। वो सारा माजरा जानने के लिए चुपचाप च
वहीं दूसरी ओर पिछले कुछ दिनों से गांव में हो रही हत्यायें, बलात्कार और लूट की बढ़ती घटनाओं से यह खबर शहर के गलियारों में फैलने लगी थी। बजरंगी पहलवान इस समय पुलिस के मोस्ट वांटेड अपराधियों में से एक हो
तभीलल्लू भूत गुर्राता हुआ जम्बूरा से बोला - तूमुझे नहीं जानता, लेकिन मैं तुझे अच्छी तरह से जानता हूं।तू विजयभान तांत्रिक के सिद्ध करनेसे पहले किसी अन्य तांत्रिक का गुलाम था।जिसका तू उसका दिया गय
जम्बूरा के भयंकर गुस्से को देखकर भी लल्लू भूत को कोई फर्क न पड़ रहा था। वो अभी भी शैतानी मुस्कान मुस्काता हुआ, जम्बूरा को अपना पिछवाड़ा दिखाकर हिलाते हुए चिढ़ाता है और चुड़ैल को अपनी बांहों में भरकर उसे ए
विजयभान जमूरा पिशाच को अपने साथ लेकर जंगल की गुफा में पहुंचता है जहां उसे पहले से लल्लू अपने वही पुराने में अंदाज में खड़ा मिलता है, वही गोल-गोल घूमने वाली आंखें, चूहे जैसे कान और पतला लहराता बलखाता बद
तभी चुड़ैल लल्लू भूत से कहती है - तुमने इसे जिस लिये भी यहां मंगवाया है, वो मुझे पता नहीं लेकिन इससे पहले मैं इसे सजा देना चाहती हूं। क्योंकि इसने जो किया है उसके लिए इसे सजा मिलनी ही चाहिए। यह सुनकर
पहलवान - क्यों बे पंडित, बहुत भूत निकालना जानता है तो निकाल मेरे अंदर का भूत। तभी पहलवान पंडित पर लात और घूसों की बरसात कर देता है। पंडित को घसीटता हुआ पहलवान उसे मंदिर से बाहर ले आता है और उस गरीब दं
लल्लू की बात मानते हुए चुड़ैल बजरंगी पहलवान का रूप बनाकर गांव की ओर अपने शिकार ओर बढ़ने लगती है। तभी उसे गांव के बाहर एक माता का मंदिर दिखाई पड़ता है। जो मुख्य सड़क के साथ जुड़ा होता है। मंदिर के बाहर एक व
लल्लू - मालिक, जो तरीका मैंने सोचा है, उससे आपके दुश्मन एक-एक करके अपने आप ही खत्म होने लगेंगे। बस आपको एक काम करना होगा। विजयभान - क्या करना होगा? लल्लू - मालिक, आपको एक बार फिर से एक छोटी सी साधना
बजरंगी पहलवान को गांव की ओर भागता देखकर विजयभान हैरान था, उसकी समझमें नहीं आ रहा था कि आखिर इस समय बजरंगी यहां क्या कर रहा है और उसे देखकर वो भागा क्यों? वहीं विजयभान के पीछे खड़े लल्लू और चुड़ैल एक दूस
लल्लू - पहले तुम किसी भी स्त्री का रूप बना सकती थी किन्तु अब तुम किसी भी पुरूष का रूप भी धारण कर सकती हो। इसके साथ-साथ अब तुम एक साथ दो अलग-अलग रूप भी धारण कर सकती हो। इसका अर्थ यह हुआ कि तुम अब एक ही
अपना काम पूरा करने के बाद लल्लू भूत और चुड़ैल महल से निकलकर वापिस गुफा के सामने प्रकट हो जाते हैं। तभी लल्लू जो पहलवान के रूप में ही था। अचानक बड़ी तेजी से दर्द के कारण चिल्लाने लगता है। उसके शरीर की नस
ब्जरंगी और चुड़ैल लूट का सामान लेकर जंगल की ओर बढ़ने लगे तभी रास्ते में लल्लू को बिरजू का घर दिखा, जिस बिरजू से विजयभान ने शराब और मांस खरीदा था। बिरजू का घर देखकर लल्लू चुड़ैल को वही रूकने को कहकर बिरजू
इतना कहकर लल्लू और चुडै़ल सड़क में आगे बढ़ने लगते हैं। अब लल्लू चुड़ैल से कहता है कि मेरी बात ध्यान से सुनों, हम अभी जो भी कर रहे हैं। उसके पीछे भी मेरा बहुत खास मकसद है। जो आने वाले समय में हमारे बहुत क
सड़क पर आगे बढ़ते समय अचानक लल्लू चुड़ैल को बोलता है - वापिस पीछे चलो। और दोनों वापिस उसी शराब की दुकान में आ जाते हैं जिन्हें देखकर दुकानदार हैरान होकर बोलता है। बजरंगी भाई आज तुम थोड़ा अलग से दिख रहे हो
तभी वो एक देसी शराब की बोतल निकालता है जो इंग्लिश की बोतल में उसने कुछ नशीली दवाओं को मिलाकर बनाया हुआ था। लल्लू के आगे रख देता है। जिसे देखकर लल्लू उस बोतल का ढक्कन खोलकर एक ही झटके में पूरी की पूरी
तभी पहलवान ने गुफा में एक किनारे रखी चादर को अपनी कमर में लपेट लिया। जिस चादर का प्रयोग विजयभान बैठने और ओढ़ने के लिए करता था। अब पहलवान शरीर के ऊपरी भाग से निर्वस्त्र था और नीचे उसने चादर को धोती की त
तभी लल्लू भूत उस पहलवान की ओर बढा और उसकी ओर अपने दोनों हाथों को बढ़ाया। जिसे देखकर सम्मोहित पहलवान ने भी अपने दोनों हाथ उसके हाथों पर रख दिये। पहलवान के हाथ रखते ही लल्लू ने उसके हाथ जोर से पकड़ लिये ज