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हॉरर

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 तभी चुड़ैल लल्लू भूत से कहती है - तुमने इसे जिस लिये भी यहां मंगवाया है, वो मुझे पता नहीं लेकिन इससे पहले मैं इसे सजा देना चाहती हूं। क्योंकि इसने जो किया है उसके लिए इसे सजा मिलनी ही चाहिए। यह सुनकर

पहलवान - क्यों बे पंडित, बहुत भूत निकालना जानता है तो निकाल मेरे अंदर का भूत। तभी पहलवान पंडित पर लात और घूसों की बरसात कर देता है। पंडित को घसीटता हुआ पहलवान उसे मंदिर से बाहर ले आता है और उस गरीब दं

लल्लू की बात मानते हुए चुड़ैल बजरंगी पहलवान का रूप बनाकर गांव की ओर अपने शिकार ओर बढ़ने लगती है। तभी उसे गांव के बाहर एक माता का मंदिर दिखाई पड़ता है। जो मुख्य सड़क के साथ जुड़ा होता है। मंदिर के बाहर एक व

लल्लू - मालिक, जो तरीका मैंने सोचा है, उससे आपके दुश्मन एक-एक करके अपने आप ही खत्म होने लगेंगे। बस आपको एक काम करना होगा। विजयभान - क्या करना होगा? लल्लू - मालिक, आपको एक बार फिर से एक छोटी सी साधना

बजरंगी पहलवान को गांव की ओर भागता देखकर विजयभान हैरान था, उसकी समझमें नहीं आ रहा था कि आखिर इस समय बजरंगी यहां क्या कर रहा है और उसे देखकर वो भागा क्यों? वहीं विजयभान के पीछे खड़े लल्लू और चुड़ैल एक दूस

लल्लू - पहले तुम किसी भी स्त्री का रूप बना सकती थी किन्तु अब तुम किसी भी पुरूष का रूप भी धारण कर सकती हो। इसके साथ-साथ अब तुम एक साथ दो अलग-अलग रूप भी धारण कर सकती हो। इसका अर्थ यह हुआ कि तुम अब एक ही

अपना काम पूरा करने के बाद लल्लू भूत और चुड़ैल महल से निकलकर वापिस गुफा के सामने प्रकट हो जाते हैं। तभी लल्लू जो पहलवान के रूप में ही था। अचानक बड़ी तेजी से दर्द के कारण चिल्लाने लगता है। उसके शरीर की नस

ब्जरंगी और चुड़ैल लूट का सामान लेकर जंगल की ओर बढ़ने लगे तभी रास्ते में लल्लू को बिरजू का घर दिखा, जिस बिरजू से विजयभान ने शराब और मांस खरीदा था। बिरजू का घर देखकर लल्लू चुड़ैल को वही रूकने को कहकर बिरजू

इतना कहकर लल्लू और चुडै़ल सड़क में आगे बढ़ने लगते हैं। अब लल्लू चुड़ैल से कहता है कि मेरी बात ध्यान से सुनों, हम अभी जो भी कर रहे हैं। उसके पीछे भी मेरा बहुत खास मकसद है। जो आने वाले समय में हमारे बहुत क

सड़क पर आगे बढ़ते समय अचानक लल्लू चुड़ैल को बोलता है - वापिस पीछे चलो। और दोनों वापिस उसी शराब की दुकान में आ जाते हैं जिन्हें देखकर दुकानदार हैरान होकर बोलता है। बजरंगी भाई आज तुम थोड़ा अलग से दिख रहे हो

तभी वो एक देसी शराब की बोतल निकालता है जो इंग्लिश की बोतल में उसने कुछ नशीली दवाओं को मिलाकर बनाया हुआ था। लल्लू के आगे रख देता है। जिसे देखकर लल्लू उस बोतल का ढक्कन खोलकर एक ही झटके में पूरी की पूरी

तभी पहलवान ने गुफा में एक किनारे रखी चादर को अपनी कमर में लपेट लिया। जिस चादर का प्रयोग विजयभान बैठने और ओढ़ने के लिए करता था। अब पहलवान शरीर के ऊपरी भाग से निर्वस्त्र था और नीचे उसने चादर को धोती की त

तभी लल्लू भूत उस पहलवान की ओर बढा और उसकी ओर अपने दोनों हाथों को बढ़ाया। जिसे देखकर सम्मोहित पहलवान ने भी अपने दोनों हाथ उसके हाथों पर रख दिये। पहलवान के हाथ रखते ही लल्लू ने उसके हाथ जोर से पकड़ लिये ज

अगले दिन सुबह होते ही मैं मनोहर पंडित के अस्पताल में पहुंच गई। जहां मुझे पहले से विक्की अंदर बैठा मिला। उसने मेरे कागज देखे और कहने लगा कि तुम्हारी एजुकेशन तो बहत अच्छी है, इसलिए मुझे फाईनल पिताजी से

अब लल्लू भूत चुड़ैल से बोला - तुम अपने बारे में बताओ कि तुम कैसे चुड़ैल बनी और इस समय तुम क्या-क्या कर सकती हो? लल्लू की यह बात सुनकर चुड़ैल भावुक हो गई और अपनी कहानी सुनाते हुए बोली - मरने से पहले मैं प

लल्लू भूत कच्चे कलुओं को देखते हुए एक से बोला - कि तुम आज से विजयभान के आसपास रहोगे और वो किस समय क्या कर रहा है, किससे मिल रहा है और यहां कब आ रहा है, इसकी पूरी जानकारी तुम मुझे रोज दोगे। इसके बदले म

शांत होते हुए लल्लू भूत संजीदा होते हुए तीनों से बोला, मेरी बात ध्यान से सुनों। आज से जो मैं तुमसे कहूंगा तुम्हें वह बड़ी ही सावधानी से करना है। कोई भी गलती नहीं करनी। अगर कभी तुम कहीं फंस भी गये तो मै

अगले दिन जैसे-जैसे दिन ढलने लगा और अंधेरे का कालापन जंगल में उभरने लगा। उसके साथ ही जंगल में निशाचरों का जगने का समय हो गया। लकड़बग्गे और अन्य जंगली पशु अपनी-अपनी मांदों से बाहर निकल खाने की तलाश में न

लल्लू भूत विजयभान से बोला - मालिक आप चिन्ता न करें, मैं आपकी इस परेशानी का हल निकाल दूंगा लेकिन इसके लिए आपसे मेरी एक प्रार्थना है जो यदि आप पूर्ण कर दें तो निश्चित रूप से आपकी समस्या का समाधान मैं कर

सन्नाटे को तोड़ते हुए तभी लल्लू लाल बोला - हां तो क्या चाहते हों तुम और क्यों बुलाया है तुमने मुझको? इस पर विजयभान लल्लू से बोला - मेरी गांव में बहुत बड़ी जायदाद थी, जिसे मेरे बड़े भाई ने पिताजी से धोखे

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