तभी वो एक देसी शराब की बोतल निकालता है जो इंग्लिश की बोतल में उसने कुछ नशीली दवाओं को मिलाकर बनाया हुआ था। लल्लू के आगे रख देता है। जिसे देखकर लल्लू उस बोतल का ढक्कन खोलकर एक ही झटके में पूरी की पूरी
तभी पहलवान ने गुफा में एक किनारे रखी चादर को अपनी कमर में लपेट लिया। जिस चादर का प्रयोग विजयभान बैठने और ओढ़ने के लिए करता था। अब पहलवान शरीर के ऊपरी भाग से निर्वस्त्र था और नीचे उसने चादर को धोती की त
तभी लल्लू भूत उस पहलवान की ओर बढा और उसकी ओर अपने दोनों हाथों को बढ़ाया। जिसे देखकर सम्मोहित पहलवान ने भी अपने दोनों हाथ उसके हाथों पर रख दिये। पहलवान के हाथ रखते ही लल्लू ने उसके हाथ जोर से पकड़ लिये ज
अगले दिन सुबह होते ही मैं मनोहर पंडित के अस्पताल में पहुंच गई। जहां मुझे पहले से विक्की अंदर बैठा मिला। उसने मेरे कागज देखे और कहने लगा कि तुम्हारी एजुकेशन तो बहत अच्छी है, इसलिए मुझे फाईनल पिताजी से
अब लल्लू भूत चुड़ैल से बोला - तुम अपने बारे में बताओ कि तुम कैसे चुड़ैल बनी और इस समय तुम क्या-क्या कर सकती हो? लल्लू की यह बात सुनकर चुड़ैल भावुक हो गई और अपनी कहानी सुनाते हुए बोली - मरने से पहले मैं प
लल्लू भूत कच्चे कलुओं को देखते हुए एक से बोला - कि तुम आज से विजयभान के आसपास रहोगे और वो किस समय क्या कर रहा है, किससे मिल रहा है और यहां कब आ रहा है, इसकी पूरी जानकारी तुम मुझे रोज दोगे। इसके बदले म
शांत होते हुए लल्लू भूत संजीदा होते हुए तीनों से बोला, मेरी बात ध्यान से सुनों। आज से जो मैं तुमसे कहूंगा तुम्हें वह बड़ी ही सावधानी से करना है। कोई भी गलती नहीं करनी। अगर कभी तुम कहीं फंस भी गये तो मै
अगले दिन जैसे-जैसे दिन ढलने लगा और अंधेरे का कालापन जंगल में उभरने लगा। उसके साथ ही जंगल में निशाचरों का जगने का समय हो गया। लकड़बग्गे और अन्य जंगली पशु अपनी-अपनी मांदों से बाहर निकल खाने की तलाश में न
लल्लू भूत विजयभान से बोला - मालिक आप चिन्ता न करें, मैं आपकी इस परेशानी का हल निकाल दूंगा लेकिन इसके लिए आपसे मेरी एक प्रार्थना है जो यदि आप पूर्ण कर दें तो निश्चित रूप से आपकी समस्या का समाधान मैं कर
सन्नाटे को तोड़ते हुए तभी लल्लू लाल बोला - हां तो क्या चाहते हों तुम और क्यों बुलाया है तुमने मुझको? इस पर विजयभान लल्लू से बोला - मेरी गांव में बहुत बड़ी जायदाद थी, जिसे मेरे बड़े भाई ने पिताजी से धोखे
विजयभान गुफा के कोने में रखा लकड़ी का गठ्ठड़ उठा कर गुफा के दरवाजे के पास ले आया। जो वह रात को जानवरों को अपने से दूर रखने के लिए प्रयोग करता था। लेकिन उसे क्या मालूम था कि उसे आज मांस को किसी के लिए पक
वहीं रहने को बोलकर विजयभान हाथ में टार्च लेकर अपनी गुफा से बाहर निकला। वहीं थोड़ी दूर पर उसकी मोटरसाईकिल खड़ी थी। जिसे लेकर वो लल्लू लाल द्वारा बताया गया सामान लेने के लिए सीधे गांव की ओर चल दिया। गांव
अमावस की एक अंधेरी रात में एक घने जंगल के बीच खतरनाक जानवरों की आवाजें गूंज रही थी। सन्नाटें को चीरती भेड़ियों के गुर्राने की आवाजें और कीट पतंगों की चित्कारें जंगल के माहौल को और अधिक खौफनाक बना रही थ
दोस्तों यह कहानी एक रहस्यमई कहानी है इस कहानी को पढ़कर आपको बहुत ही मजा आने वाला है तो चलिए शुरू करते हैं मेरे गांव एक जंगल के बीच बीच एक पहाड़ी पर था जहां से मैं रोज काम करने के लिए रोज शहर आता- जा
पिछले अंक की कहानी भूतिया चक्की में आपने पढ़ा कि किस प्रकार दिनेष दिल्ली से अपने गांव आया तो उसके दादाजी ने अपने बचपन की कहानी सुनाई जिसमें गांव की चक्की में उनका एक भूत से सामना हुआ। यह कहानी सुनकर अग
नॉक नॉक !! प्रसाद जी बार बार कानों में पड़ती आवाज से आखिर बिस्तर छोड़कर उठ गए, उठते ही दो क्षण को बिस्तर पर बैठे बैठे ही अंदाजा लगाया कि आवाज बाहर के दरवाजे से आ रही है| फिर वही आवाज नॉक...नॉक.... “हाँ
नॉक नॉक !! प्रसाद जी बार बार कानों में पड़ती आवाज से आखिर बिस्तर छोड़कर उठ गए, उठते ही दो क्षण को बिस्तर पर बैठे बैठे ही अंदाजा लगाया कि आवाज बाहर के दरवाजे से आ रही है| फिर वही आवाज नॉक...नॉक.... “हाँ
आज की कहनी शायद मेरी आखिरी कहानी होगी, वैसे उम्मीद करती हूँ मेरे साथ आपने भी भूतों का सफर एजॉय किया होगा, मैं ये नहीं कहती की मेरी कहानी बेस्ट है पर ये
सोच रही हूँ आज में आपको कौन सी कहानी सुनाऊ भूतों की कहानी के पोटली में से, वैसे तो मैनें बचपन में अनगिनत भूतों कहानियाँ सुनी है, उनमें कितनी सच और कितनी झूठ मैं सच म