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हॉरर

hindi articles, stories and books related to horror


ये कहानी है एक ऐसी चुड़ेल की जो बला की खूबसूरत दिखाई देती थी उसकी आँखे काली काली जिसको देख कर लोग उसकी आँखों में डूब जाया करते थे ,सुंदरता ऐसी थी की जो उसे देखकता था ,उसके हुस्न का कायल हो जाता दीवाना

 ■ पिशाचिनी का प्रतिशोध ■ भाग 52            ( पिशाचिनी सिद्धि)______________________________________________________________________________अमरप्रताप आकांक्षा सिंह क

 ये कहानी उस दौर की है जब दुनिया पूरी तरहा से तहस नहस हो गई थी। दुनिया मे प्रलय आने के लिए कोई भी दैवी शक्ति जिम्मेदार नहीं थी। ये तो हमारी ही भूख बहोत बढ गई थी, और चाहिए, और चाहिए की भ

 बारिश हो रही थी बहोत तेज बारिश। वो बरसात की रात थी। शहर से बाहर दूर एक खेत मे सुनील राधा के साथ गया था। सुनील अपने गाव मे कॉलेज की छुट्टीया मनाने आया था। और फिर वो राधा से मिला। र

भाग 38भेड़िए को देख गांव वाले घबरा जाते है ,कुछ लोग अपने अपने हथियार उठा लेते  हैं ,एक गांव वाला तो उसके ऊपर फायर कर देता है, पर उस भेड़िए पर उसका कोई असर नही पड़ता है ,*"!!माधवेंद्र और बाबा त्रि

भाग 37माधवेंद्र गांव वालो की मनोस्थिति समझ जाते हैं ,कल्पेश भी माहौल को भांप लेता है ,वैसे भी राजस्थानी जाट और हरियाणा के जाट एक जैसे होते है ,वह कब किस बात पर नाराज हो जाते हैं किसी को पता नही , यह ल

■ पिशाचिनी का प्रतिशोध ■ भाग 51            (पिशाचिनी सिद्धि)______________________________________________________________________________अर्द्ध रात्रि का समय हो चुक

मौत का ताबूत पार्ट 1 दरयाई नील बहुत ही ख़ामोशी से वह रहा था आधी रात का बक्त था क़दीम मिसर के गहरे नीले आसमान पर सितारे सफ़ेद मोतियों की तरह चमक रहे थे दरयाई नील के पानी मेँ आसमान के सितारों का अक्स झ

मौत का ताबूत पार्ट 1 दरयाई नील बहुत ही ख़ामोशी से वह रहा था आधी रात का बक्त था क़दीम मिसर के गहरे नीले आसमान पर सितारे सफ़ेद मोतियों की तरह चमक रहे थे दरयाई नील के पानी मेँ आसमान के सितारों का अक्स झ

बात कहां से शुरू करू कुछ समझ नही आ रहा ।आजकल मेरे साथ क्या हो रहा है।"जुबिन अपने दोस्त पंकज से बतिया रहा था। दोनों का लंच टाइम हुआ था दोनों ही अपने केबिन से निकल कर कैंटीन मे बैठे बात कर रहे थे।पंकज न

■ पिशाचिनी का प्रतिशोध ■ भाग 50           (पिशाचिनी सिद्धि)________________________________________________________________________________मित्र आपको मेरीं बातों पर विश्व

यह कहानी पाकिस्तान की एक सत्य घटना पर आधारित है । पात्रों के नाम बदल दिए हैं ।  सुलेमान काम से लौटा ही था कि हाथ मुंह धोने चला गया । उसकी पत्नी फरीदा ने उसका खाना लगा दिया था । वह खाना खाने बैठ ग

अब तक आपने पढ़ा के कैसे मंदार ने सार्थक का शरीर पाकर कितनी हत्याएं कर दी थी कैसे वो बाड़े को पाने के लिए सार्थक के शरीर का शैतान की तरह फायदा उठा रहा था। इधर पल्लवी उसे इस मुसीबत से निजात दिलाने के लिए

■ पिशाचिनी का प्रतिशोध ■ भाग 49            (पिशाचिनी सिद्धि)________________________________________________________________________________आपको ,आपके मित्र अमरप्रता

अब तक कहानी में आपने पढ़ा के किस तरह से, सार्थक में घुसे मंदार ने मौत का खेल खेला, किस तरह से उसने चार लोगो की हत्या कर दी इसे हत्या नहीं दरिंदगी कहना ठीक होगा वो तो उन मासूम लोगो को जिनको यह भी जान का

भाग 36 बाबा त्रिलोकी नाथ दो नींबू को आधा कटकर  उसमे सिंदूर भरते है ,फिर हवन कुंड की थोड़ी राख डालते हैं और उसके बाद फिर उस नींबू को मंत्र पढ़कर उस काने  प्रेत के ऊपर फेकते हैं ,और फिर ग

भाग  35बाबा त्रिलोकी नाथ मंत्रोच्चार कर के us मुर्गे की गर्दन रेतने लगते है तो प्रेत करन चीखने लगता है ,उसका हाथ अगर नही मिला होता तो इतनी आसानी से यह नही आता पर हाथ मिल जाने के कारण वह फस गया और

भाग 34प्रोफेसर मंत्रोचार करना शुरू करते है , और धीरे धीरे कर एक एक कर उस पर सरसो डालने लगते हैं ,*"!! समीक्षा और प्रणय जैसे ही अंतिम झरोखे पर दिया रखने जाते हैं ,तभी उसमे से अचानक दो हाथ बाहर आते

हज्व स हेलो 

अब तक आपने पढ़ा के कैसे सार्थक घर से बहार निकल जाता है।  कैसे उसके अंदर मंदार सूबेदार की आत्मा कब्ज़ा कर लेती है। और यह सब वो उस बाड़े को पाने के लिए कर रहा है। क्या राज़ छिपा था, उस बाड़े में क्यों वो पूर

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