🌿दिनांक :- 11/05/22🌿
🌺सुनो न! दैनन्दिनी,
हमारी कॉलोनी में एक डांस क्लास शुरु हो रही है। तो भई! हम तो बहुत ही एक्साइटेड हैं डांस सीखने के लिए .....💃
वह क्या है ना, बचपन में तो सीखा नहीं था । लेकिन अब जब भी कभी शादी, पार्टी में कोई मनुहार करता है तो बगलें झांकते हैं .....😒
क्या करें ,आता ही नहीं है ।अब ज्यादा ना नुकुर करें तो लोगों को लगता है कि भाव खा रहे हैं। क्योंकि आज के समय में सभी को डांस करना आता है।
और एक हम हैं ... हमारे मम्मी पापा का कहना है कि पढ़ाई ज्यादा जरूरी है,ये सब तो टाइम पास हैं।
और तब स्लोगन भी यही चलता था....
खेलोगे कूदोगे तो बनोगे खराब ।
पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे नवाब ।।
पहले सिर्फ पढ़ाई को तवज्जो दी जाती थी बाकी चीजों को दरकिनार करते थे। आजकल तो स्कूलों में डांसिंग, सिंगिंग, पेंटिंग , कोडिंग और भी बहुत सी चीजें सिखाई जातीं हैं। और अब तो इनसे केरियर भी बना सकते हैं।
इन्हें केरियर बनाकर पैसे भी कमाए जा सकते हैं और शौक भी पूरा होता है। 🤷♀️
आजकल सिर्फ नौकरियों के पीछे दौड़ने से बेहतर है अपना हुनर सीखो और उसी को अपनी आजीविका बनाओ .....
आजकल बहुत से लोग ऐसा कर रहे हैं पैसे भी कमा रहे हैं और खुश भी हैं।
किसी को खाना बनाने का शौक है वो कुकिंग क्लास चला रहें हैं। या टिफ़िन सेन्टर खोल कर अपनी पाक कला का हुनर दिखा रहें हैं।
घर सजाने के शौकीन इंटीरियर डेकोरेशन ,वेडिंग प्लानर, पार्टी ऑर्गेनाइजर्स आदि काम कर रहे हैं।
और फिर आज तो मोबाइल का जमाना है ......मोबाइल से ही कोई वीडियो बनाकर, कोई ब्लोगिंग करके ,कोई इंस्टाग्राम और फेसबुक पर रील बना कर ....📱
मतलब अपने हुनर को पहचान कर उसे ही अपना कैरियर बनाना सचमुच बहुत ही अच्छा विकल्प है।
बस नौकरियों की तैयारियों में समय लगाकर और फिर ना मिले तो सिर पकड़ कर रोने से तो बेहतर है।🙇♀️
आज बस इतना,
कल मिलते हैं.......😊