🌿दिनांक :- 12/05/22🌿
🌺सुनो न! दैनन्दिनी,
मेरी एक सखी जो कि पड़ोस में ही रहतीं हैं। नियमित रूप से मेरी रचनाओं को पढ़तीं हैं...🤗
लेकिन पता नहीं क्यों कुछ दिनों से मेरी रचनाओं को पढ़ नहीं रहीं हैं। 😒
अब ऐसा क्या हो गया🤔 यह जानने के लिए सोचा कॉल करके पूछूँ। फिर मेने सोचा चलो घर पर ही चली जाती हूं। मिलना भी हो जाएगा और पूछ भी लूंगी.....
वैसे भी इस गर्मी में घर से बाहर कहीं भी नहीं निकल रहे हैं ।🥵
तो जब मैं उनके घर जाकर उनसे मिली और उनसे हाल चाल पूछने के बाद मैंने उनको पूछा कि आजकल रचना क्यों नहीं पढ़ रही हो । उन्होंने कहा कि पता नहीं यार, यह ऐप ओपन ही नहीं हो रहा है। पढ़ भी नहीं पा रही हूं। मैंने कहा दिखाओ जरा। 📱
मैंने देखा उसमें ऐप अपडेट करना था मैंने अपडेट कर दिया और उनको बताया कि लो अभी अपडेट हो गया। अब आप पढ़ सकती हैं । तो उन्होंने बताया कि मोबाइल में ज्यादा कुछ नहीं जानतीं और नया कुछ करने में डर भी लगता है। कहीं कोई प्रॉब्लम ना जाए।
यह सिर्फ उनकी कहानी नहीं है बहुत सी महिलाओं का यही हाल है। उनमें से एक मैं भी एक हूं। 🙈
मोबाइल में ज्यादा कुछ नहीं जानती हूं भले ही दिन भर हाथ में ही रहता है। लेकिन केवल उन्हीं एप्लीकेशन को खोलती हूं जिन्हें मैं अच्छी तरह से चलाना जानती हूं।
कारण है डर ....😔
डर इस बात का कि कहीं उल्टा-पुल्टा ना हो जाए। बार बार बिटिया को परेशान करती हूं। और वो झट से कर देती है।
बच्चे टेक्नोलॉजी को बहुत जल्दी सीख जाते हैं। 😎
मेरा छोटा बेटा जिसके कारण मोबाइल को लॉक करके रखना पड़ता है । पैटर्न तो वह दो-तीन दिन में ही कैच कर लेता है पिन डालना पड़ती है।
पिन डाली, उसे भी बदलना पड़ता है।
हां तो मैं कह रही थी कि हमें टेक्नोलॉजी का नॉलेज होना चाहिए । बार बार बच्चों को क्या परेशान करना। हमें भी सीखना चाहिए।
आज बस इतना,
कल मिलते हैं......😊