🌿दिनांक :- 07/05/22🌿
🌺 सुनो न! दैनन्दिनी,
दसवीं, बारहवीं के सीबीएसई बोर्ड के एग्जाम चल रहे हैं। एक तो झुलसाती गर्मी, ऊपर से एग्जाम। बच्चे बहुत परेशान हो रहे हैं।
एमपी बोर्ड के एग्जाम तो कब के हो गए और रिजल्ट भी आ गया । इस साल का एमपी बोर्ड का रिजल्ट बहुत अच्छा नहीं रहा। और होता भी कैसे।
पिछले दो साल से बच्चों की पढ़ाई बहुत प्रभावित हुई है । अब जैसे तैसे जितने समय स्कूल खुले, बच्चों ने मेहनत की है ।
लेकिन कुछ बच्चे एग्जाम के समय डर जाते हैं । वह पढ़ते तो खूब है लेकिन एग्जाम के कुछ घंटे पहले ऐसा लगता है कि कुछ भी याद नहीं है। तैयारी अच्छी नहीं है। और वह घबरा जाते हैं। घबराहट में रात में सही से सो भी नहीं पाते हैं ।
ऐसे में बच्चों को बड़ों के साथ की जरूरत होती है। बड़ों को बच्चों को समझाना चाहिए कि तुमने बहुत अच्छी तैयारी की है और अपना बेस्ट देना। घबराओ मत ।
मेरी भतीजी ने एमपी बोर्ड के 12वीं का एग्जाम दिया था। और वह पास हो गई। रिजल्ट आने के समय वो डरी हुई थी कि पता नहीं क्या होगा। लेकिन फिर बोली-
" पास हुई तो अच्छी बात और अगर फेल भी हो जाऊं तो क्या, कोई कुंभ मेला थोड़ी है। एग्जाम ही तो है अगली साल फिर होंगे। "
बात सिर्फ हंसी मजाक की है । लेकिन सही भी है । एग्जाम की सफलता और असफलता से घबराना नहीं चाहिए बल्कि सीख लेना चाहिए, और बेहतर करने के लिए। कुछ बच्चे असफलता से निराश हो जाते हैं,और अगली बार अपना पूरा बेस्ट नहीं दे पाते हैं। उस समय बडों को उनकों हौंसला देना चाहिए।
आज बस इतना ही,
कल मिलते हैं .....😊