🌿दिनांक :- 25/05/22🌿
🌺सुनो न! दैनंदिनी,
कल रात को मीना बाजार गए थे। रंग बिरंगी लाइटों से सजा मीना बाजार बहुत ही झिलमिला रहा था।✨
कुछ झूले थे।🎡🎢🎠 जिसमें लोग झूल रहे थे। और चिल्ला रहे थे। कुछ दुकान जहां खरीदारों की भीड़ लगी थी। हमने भी कुछ सामान खरीदा वैसे तो मीना बाजार से ज्यादा कुछ सामान नहीं खरीदा लेकिन कुछ चीज है जो लगभग हर बार ही लेते हैं। संतरे की गोली, गटागट की गोली, जीरे की गोली, आम पापड़, इमली आदि।
और उसके बाद पहुंचे उस दुकान पर जहां पर जहां पर निशाना लगाकर इनाम जीतते हैं।🎯 गोल लकड़ी के छल्ले फेंकते हैं वह जिस पर गिरता है। वह इनाम के रूप में मिल जाता।
लेकिन हर बार चूक गए। कभी इधर कभी उधर हो जाता है। एक साबुन मिला।🤗
और दूसरी दुकान थी, जहाँ बंदूक से गुब्बारों को फोड़ने वाली। वहां भी आजमाया।
उसके बाद झूला झूले। पता नहीं झूला झूलते समय लोग इतना चिल्लाते क्यों हैं। और अगर डर लगता है फिर झूलते ही क्यों है।
एक डरावना सा भूत बंगला था। जहाँ लोग पैसे देकर डरने जाते हैं। 💀☠👻
सच में मीना बाजार में जाकर बहुत ही बढ़िया लगा।
आज बस इतना ही,
कल मिलते हैं ......😊