यह कहानी एक ऐसे पंडित की कहानी है जिन्होंने मुगल शासक को झुकने पर मजबूर किया था
रक्तरंजित इतिहास के उस हिंस्र और क्रूर अध्याय को क्यों तो याद करें और कैसे उसे भूल जाएँ! सदियों-सदियों के बाद देश में अवतरित होनेवाली आज़ादी हर हिन्दुस्तानी दिल में धड़कती रही थी। इस उमगती विरासत को राजनीतिक शक्तियों ने विभाजित कर देश का नया भूगोल और
परशुराम की प्रतीक्षा राष्ट्रकवि रामधारी सिंह 'दिनकर' द्वारा रचित खंडकाव्य की पुस्तक है। इस खंडकाव्य की रचना का काल 1962-63 के आसपास का है, जब चीनी आक्रमण के फलस्वरूप भारत को जिस पराजय का सामना करना पड़ा, उससे राष्ट्रकवि दिनकर अत्यंत व्यथित हुये और इस
विचित्र लाशें, रहस्यमय संकेत, मेडीकल रिपोर्ट, कुछ पुराने यंत्र, अधूरी पांडुलिपियाँ, दिल दहलाने वाली हत्याओं का अंतहीन सिलसिला, उन्हें जोड़ने वाली एक साधारण वसीयत, और एक पुरातन सत्य जो इतिहास से सदैव लुप्त रहा। श्रीमंत परिवार के साथ अपने दोस्त रोहन की
राजा सुखदेव बैर उत्तर भारत के राजा थे उन्होंने मुगलों से जम कर लोहा लिया था
कल्पना ने आश्चर्य में भरकर वातायन के दोनों पट खोल दिए। सामने अनंत की सीमा को स्पर्श करता हुआ विशाल सागर लहरा रहा था। तट पर बिखरी हुई उषा की हलकी गुलाबी आभा से चाँदनी की चंचल लहरें टकराकर लौट रही थीं। प्रशांत नीरवता में केवल चाँदनी की लहरों का मंद-मर्
अयोध्या का मतलब है, जिसे शत्रु जीत न सके। युद्ध का अर्थ हम सभी जानते हैं। योध्य का मतलब, जिससे युद्ध किया जा सके। मनुष्य उसी से युद्ध करता है, जिससे जीतने की संभावना रहती है। यानी अयोध्या के मायने हैं, जिसे जीता न जा सके। पर अयोध्या के इस मायने को बद
भारत जैसे बहुसांस्कृतिक राष्ट्र में अनेक अस्मिताएँ हैं। कौमी तराने 'सारे जहाँ से अच्छा' में इकबाल ने लिखा था- 'ऐ आब-ए-रूद-ए-गंगा! वो दिन है याद तुझको। उतरा तेरे किनारे, जब कारवाँ हमारा।' असग़र वजाहत ऐसे ही एक कारवाँ की तलाश में जुटे हैं जो कभी हिन्दु
कमलेश्वर का यह उपन्यास मानवता के दरवाजे पर इतिहास और समय की एक दस्तक है...इस उम्मीद के साथ कि भारत ही नहीं, दुनिया भर में एक के बाद एक दूसरे पाकिस्तान बनाने की लहू से लथपथ यह परम्परा अब खत्म हो...।
ये कहानियां मेरे लिए अत्यंत महत्वरॉपूर्ण हैं, क्योंकि इनके सहारे ही मैंने पहली बार महानगर की उलझी हुई जिंदगी के छोर सुलझाए थे।
यह कहानी एक पौराणिक कहानी पर। आधारित है जिसका अर्थ है की इंसान अपनी मेहनत और लगन से अपना भाग्य बदल सकता है
ऐतिहासिक लेखों का संग्रह
प्रख्यात लेखक कमलेश्वर का एक नया प्रयोग-‘जनमंच’ के रूप में ‘साइट एण्ड साउंड’ (जिसमें मंच एक न होकर विस्तृत भूमि में 10-12 मंच या ‘स्पाट्स’ होते हैं) के माध्यम से स्वाधीनता-संग्राम की रोमांचक कथा-1857 की क्रान्ति, नील विद्रोह, वासुदेव बलवन्त फड़के, बिर
कहते हैं की जो महाभारत की कथाओं में नहीं है वह अन्यत्र कहीं नहीं है और जो महाभारत में है वह हर जगह है. कालचक्र में महाभारत की कुछ अनकही कहानियों का नाटकीय रूप से वर्णन किया गया है. और एक नवजात बालक जो बाणों के साथ इस धरती पर प्रगट हुआ, कैसे वह महाभार
बांग्लादेश में एक सांस्कृतिक जगह है बोरिशाल। बोरिशाल के रहनेवाले एक पात्र से शुरू हुई यह कथा पूर्वी पाकिस्तान के मुक्ति-संग्राम और बांग्लादेश के रूप में एक नए राष्ट्र के अभ्युदय तक ही सीमित नहीं रहती, बल्कि उन परिस्थितियों की भी पड़ताल करती है, जिनमे
Part:- 1 दोस्तों मैं एक साइंस का स्टूडेंट रहा हूँ।इसलिए मेरा ज्यादा झुकाव साइंस कि तरफ ही है।फिर भी मैं हिस्टॉरिकल चीजों पर लिखना मुझे अच्छा लगता है और वो महत्वपूर्ण विचारऔर किये गए काम जो दूसरों से अलग करती हो। सुभाष चंद्र बोस एक बड़ा नाम देश की आज
भारत के हृदय स्थल में उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के कुछ जिलों को मिलाकर बना हुआ क्षेत्र ही बुंदेलखंड के नाम से प्रसिद्ध है। इस क्षेत्र में लगभग हर जिले में किले और दुर्ग है पुरे भारत वर्ष में सबसे अधिक किले आपको बुंदेलखंड में देखने को मिल जायेंगे। आ