shabd-logo

जैसे गिरती है अंतरिक्ष से कोई मन्नत

24 सितम्बर 2022

41 बार देखा गया 41
पहन कर नकाब और खुद चाहे बचा लेते है
तीखी धूप से मिली गुनगुनाहट को कहा रोक पाते है

खारे पानी का वो दरिया बहा ले जाते है
आंसुओं के सैलाब में कहां खुशी के पल ठहर पाते है

कहने को काला टीका बुरी नजर से बचाते है
जब वक्त हमारे खिलाफ और हालत बुरे हो 
ये टिके भी बेअसर हो जाते है

जब दिल को बात अधरो पर आती है
मुस्कुराहट बन जो कभी ठहर जाती है

गम बनकर हवा का झोंका आता है
मुस्कान को अपने संग उड़ा ले जाता है

मुस्कुराहटें को सारी कहां बसेरा पाती है
क्या नया गुलशन कोई सजाती है 

या मुस्कुराहटें वो सितारे बन जाती है
मद्धम मद्धम आसमान में झिलमिलाती है

या फिर किसी के अधरों पर फिर सज जाती है
खुशी बन किसी झोली में गिर जाती है
जैसे गिरती है अंतरिक्ष से कोई मन्नत
वो मुस्कुराहट वो खुशी जैसे बन जाती जन्नत
Somya

Somya

Very nice 👌

24 सितम्बर 2022

Sanju Nishad

Sanju Nishad

Very Nice 👌👌💐

24 सितम्बर 2022

1

जिंदगी मिल जाए

23 सितम्बर 2022
4
2
2

सारे जमाने की खुशियां पा लेजिंदगी मिल जाएजो हमें अपना लेखुशनुमा हो हर लम्हा मेराजो तू हां कहेतरसते लबों पर हंसी सज जायेगीबंजर दिल की जमीं परतेरी मुहब्बत की जो रिमझम बूंदे बरसेहसरतों की कलियां&nbs

2

जैसे गिरती है अंतरिक्ष से कोई मन्नत

24 सितम्बर 2022
11
7
2

पहन कर नकाब और खुद चाहे बचा लेते हैतीखी धूप से मिली गुनगुनाहट को कहा रोक पाते हैखारे पानी का वो दरिया बहा ले जाते हैआंसुओं के सैलाब में कहां खुशी के पल ठहर पाते हैकहने को काला टीका बुरी नजर से बचाते ह

3

कैसे शब्दों से जताएं

26 सितम्बर 2022
7
5
1

कैसे शब्दों से जताएंअहसास कैसे ये शब्दों में बताएं मचल रहा है दिल में एक तूफान सा हैजो नजरो से नज़रे तुम मिलाकरपूछ तुम दिल का हालबताना कुछ तो आसान सा होसमझ लो जो कभी इशारा मेराकर लो साथ गंवारा मे

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए