अपने जीवन में आए एक बदलाव को उजागर करता हैं मेरा ये छोटा सा लेख...।।
इस किताब की कहानियां देहाती क्षेत्र के उन गांवों की असली कहानियां है जो आपको गांव की पृष्ठभूमि व वहां के लोगों का संघर्ष और उनके जिंदादिली से रूबरू करवाएगी। इन कहानियां में गांवों में असली में संघर्ष की कहानियां है। इनके पात्र काल्पनिक जरूर है लेकिन
बिहार: सुपौल, अररिया, बेतिया, गोपालगंज, मोतिहारी समेत 9 जिलों में बाढ़ की आशंका, NDRF की 10 टीमें तैनात
Rang dhang सारी दुनिया अपनी मानी सबका साथ निभाया, रंग ढंग देख लिया जमाने का कोई काम न आया । देखा मैंने घूम घूम के मन का कोई मिल न पाया । समय समय की बात है अच्छा है तो सब साथ है । जब बुरा समय आया तो सब ने छोड़ा साथ है । चोरी , बैमानी रिश्वतखोर माला
एक लड़की की आपबीती...। विचारणीय और गंभीर मुद्दा..।
एक उम्मीद सी है, जि़दगी में । जो अब टूटती नजर आ रही हैं। ना मंजिल कोई ना रास्ता कोई नज़र आता है। हर राह बदं सी नज़र आती है। जो नज़र उठी एक तिनका लेके। वो तिनका अब उड़ता नज़र आता है। झुका सा है। अब मेरी उम्मीदों का सफर टूटता जा रहा है। कही कोई मंजिल द
हार जीत जीवन में हार और जीत तो लगी रहती है। हार तो जिंदगी में एक सीख देती हैं। और जीत के हारना एक हौसला बुलंद करती है। पर ये सच है कि राह कब मिले ये पता नहीं हार जाओ तो हिम्मत को हारने मत देना जीत जाओ तो कभी जिंदगी में घमंड ना करना। असली जीत उ
भूकंप की भयानक तबाही के बावजूद भी हरीश संयोग से सही-सलामत बच गया था। हां, सिर्फ मामूली चोटें आई थी। हालांकि वह गड़गड़ाहट की आवाज से मुर्छित जरूर हो गया था लेकिन थोड़ी देर के बाद ही, वह होश में भी आ गया । तब उसे भूकंप का यह भयानक दृश्य याद आने लगा.
🌺 मैं ना होता, तो क्या होता?🌺 “अशोक वाटिका" में जिस समय रावण क्रोध में भरकर, तलवार लेकर, सीता माँ को मारने के लिए दौड़ पड़ा तब हनुमान जी को लगा कि इसकी तलवार छीन कर, इसका सिर काट लेना चाहिये! किन्तु, अगले ही क्षण, उन्होंने देखा "मंदोदरी" ने रावण क
जीवन में अगर हमे कुछ करना है तो हमारा एक लक्ष्य भी होना चाइए अगर जीवन में कोई हमारा लक्ष्य ही नहीं है तो हमारे जीवन का कोई मूल्य नहीं है हम जीवन में कुछ भी प्राप्त नहीं कर सकते हर मनुष्य को एक लक्ष्य बनाना चाहिए और उसी लक्ष्य के अनुसार उसी के अनुरूप
देखा था आखरी बार .... अपनी मुंडेर पर...! चुनती वो चावल के दाने... नन्हीं सी चोंच में ...! गिरते दानों को ... बार-बार उठाती...! फिर छोटे से मुंह को ... दो दानों से भर जाती ...! सफेद भुरे रंगों पर .... काला धार जैसे .... नजर का टीका लगाए ..…! सिर घु
नमस्ते.. मित्रों आज की मेरी कहानी हें बेरोजगारी ही आत्महत्या हें.. इस एक वाक्य मे हर उस व्यक्ति की कहानी हें जो अपनी जुबा से कह नहीं सकता पर उसकी आखों और उन आँखों से निकलते उन आसुओं की कहानी बया करती हें आज की कहानि एक गरीब परिवार की 26 वर्षीय रीमा
एक छोटी सी घटना गुरु गोविंद सिंह के जीवनी से..
Hurricane Ian: National Hurricane Center (एनएचसी) ने कहा है कि 'इयान' 240 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से फ्लोरिडा तट से टकराया. तूफान के टकराने से "फ्लोरिडा प्रायद्वीप" में बाढ़ से हालात बन गए हैं. टीवी पर विनाशकारी तूफान के भयानक मंजर देखने को मिले ह
(1) किसी मजबूर इंसान का मजाक उड़ाने का खयाल आय तो उसके स्थान पर स्वयं रख कर देखे ! (2) प्रभु सुख देना तो बस इटना देना कि अंहकार न अजाय ! और दुख देना तो बस इटाना की आस्था ना चली जाए ! (3)भागवत गीता में लिखा है जिस समय कोई समस्या जन्म लेती है उ
यहाँ काफ़िला इतना हैं। क्या मैं समझू और क्या समझाऊ। ये काफ़िला रोज एक नया रास्ता ढूढँता हैं। और अगले ही दिन फिर चल देता है कहाँ से आता है और कहाँ जाता है। ये कोई नहीं जानता ये काफ़िला ऐसे क्या और कब तक ऐसे ही चलता रहेगा । मैने एक बार उन में से एक
सच्ची मुस्कुराहट और सच्ची खुशी को बयां करता एक छोटा सा सच्चा किस्सा....।
लोफर........ क्लास में एक तुम ही थी जिसकी हर अदा मुझे बेहद खूबसूरत लगती थी । तुमसे बात करने के लिए कई बार सोचा परंतु हिम्मत न हुई। मैं ही क्या तुमपे तो बहुत लड़के मरते थे । लड़के तुम्हें यूनिवर्सिटी का हिटलर कहते थे। वो तो शुक्र है तुम्हारी सहेली क
देवभूमि उत्तराखंड मेरे ज़हन में रचती बसती है|