मानव शरीर को यदि मैं अनेक रोगों का पिटारा कहूं तो यह अतिश्योक्ति नहीं होगी। क्योंकि मानव शरीर जीवन भर स्वस्थ नहीं रह पाता, उसे समय-समय पर कई शारीरिक रोग घेर ही लेते हैं। इसके अलावा वह अपनी जीवन की आप
कला चिकित्सा क्या है? व्यक्तित्व के निर्माण और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करने में इस चिकित्सा की भूमिका के कारण, इसे अभिव्यंजक चिकित्सा भी कहा जाता है। इस थेरेपी में, मास्टर और प्रतिभागी, दोनों समा
कला चिकित्सा एक ऐसा जरिया है जिसमे भावनाओं के साथ उपचार विधि को अपनाते है और जिन पहलू को जानते नही उन पहलू की दिशा में जागरूक होकर व्यक्ति के विकास की ओर काम किया जाता है जिससे बेहतर से बेहतर मदद मिल
ईश्वर ने सभी को किसी ना किसी कला से नवाजा है उसमें कुछ भी हो सकता है नृत्या,संगीत,पैंटींग,लेखक,कवि कुछ भी जो भी इंसान को एक मंच पर कुछ अलग करने का हुनर प्रदान कर दे वही कला है और रही बात कला के फायदे
ईश्वर ने सभी को किसी ना किसी कला से नवाजा है उसमें कुछ भी हो सकता है नृत्या,संगीत,पैंटींग,लेखक,कवि कुछ भी जो भी इंसान को एक मंच पर कुछ अलग करने का हुनर प्रदान कर दे वही कला है और रही बात कला के फायदे
ईश्वर ने सभी को किसी ना किसी कला से नवाजा है उसमें कुछ भी हो सकता है नृत्या,संगीत,पैंटींग,लेखक,कवि कुछ भी जो भी इंसान को एक मंच पर कुछ अलग करने का हुनर प्रदान कर दे वही कला है और रही बात कला के फायदे
ईश्वर ने सभी को किसी ना किसी कला से नवाजा है उसमें कुछ भी हो सकता है नृत्या,संगीत,पैंटींग,लेखक,कवि कुछ भी जो भी इंसान को एक मंच पर कुछ अलग करने का हुनर प्रदान कर दे वही कला है और रही बात कला के फायदे
व्यक्ति का मन बड़ा चंचल है जब उसमें प्रतिभा की बूंदें पड़ती है तब वो उसमे तल्लीन होकर भूल जाता अपने सब दुख दर्द पीड़ा है इसलिए चिकित्सा से होने वाला उपचार मन को स्वस्थ बेशक करता है पर हमारे अंदर सजीवत
मनुष्य के जीवन में जिस प्रकार खाने-पीने की आवश्यकता होती है उसी प्रकार उसके जीवन में संस्कार और संस्कृति को जिंदा रखने के लिए कला की बहुत आवश्यकता है।कला मनुष्य की बहुत ही सुन्दर भावनात्मक अभिव्यक्ति