१- चलती चक्की देखकर,चक्की दियो भुलाय
.दो पाटन के बीच में ,डी जे दियो चलाय
२- करनी कथनी देखकर दिया मुल्क है रोय
.स्वारथ ही स्वारथ रहे वचन रहा है खोय
३-प्रेम प्रेम कहता फिरे प्रेम न मिलया कोय
.स्वारथ स्वारथ साथ हो,प्रेम कहा से होय
सतीश गुप्ता
8 अप्रैल 2016
१- चलती चक्की देखकर,चक्की दियो भुलाय
.दो पाटन के बीच में ,डी जे दियो चलाय
२- करनी कथनी देखकर दिया मुल्क है रोय
.स्वारथ ही स्वारथ रहे वचन रहा है खोय
३-प्रेम प्रेम कहता फिरे प्रेम न मिलया कोय
.स्वारथ स्वारथ साथ हो,प्रेम कहा से होय
सतीश गुप्ता
अटल सत्य
9 अप्रैल 2016
बहुत खूब
8 अप्रैल 2016
very nice
8 अप्रैल 2016