अब छोड़ दो,छोड़ दो,नफरत के दायरे
प्यार दो,प्यार दो, भाईचारे के वास्ते
भरत भाव आज महक जाये अगर
महक लो,महक लो,,राम के आसरे
©सतीश गुप्ता नरसिंहपुर
24 अक्टूबर 2015
अब छोड़ दो,छोड़ दो,नफरत के दायरे
प्यार दो,प्यार दो, भाईचारे के वास्ते
भरत भाव आज महक जाये अगर
महक लो,महक लो,,राम के आसरे
©सतीश गुप्ता नरसिंहपुर