आज
रिश्वत..... (हास्य) ..........................
बिन रिश्वत जो रहे ,हर आफिस में ठुकराय
काम बिगाड़े आपनो, कट -पागल कहलाय
कट -पागल कहलाय,यार रिश्वत दे ही देना
होगे फिर सब काम ,यार न अब पीछे रहना
घर में हो त्यौहार, यार अब मुनिया भी नाचे
यू बिन होली त्यौहार,साली भी फगुआ माँगे
@सतीश गुप्ता
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कल
साईं भाव यो कहें , साईं का ये पैगाम
रिश्वत तेरा जहर है ,अताडियों का हैं काम
अताडियों का हैं काम,फाड़,जहर निकलता
पूरा घर हो बेचैन, रिश्वत का फल मिलता
दूर हुआ घर परिवार,पाप का घड़ा जब भरता
कुदरत का चले हिसाब,यार तू अब क्यों रोता
@सतीश गुप्ता