रिश्वत
आजरिश्वत..... (हास्य) ..........................बिन रिश्वत जो रहे ,हर आफिस में ठुकरायकाम बिगाड़े आपनो, कट -पागल कहलाय कट -पागल कहलाय,यार रिश्वत दे ही देना होगे फिर सब काम ,यार न अब पीछे रहना घर में हो त्यौहार, यार अब मुनिया भी नाचे यू बिन होली त्यौहार,साली भी फगुआ माँगे@सतीश गुप्ता*******************