आज किसकी अंगुली थाम के, चलूँ बेटे मेरे
आज गिर रहा हूँ, कौन? संभालेगा बेटे मेरे
तेरी वचपन की यादें, आज फिर खुश्बू बनी
काँटों भरें पथ में,यादों की गंध बस बेटे मेरे
@सतीश गुप्ता नरसिंहपुर म.प्र.
15 अक्टूबर 2015
आज किसकी अंगुली थाम के, चलूँ बेटे मेरे
आज गिर रहा हूँ, कौन? संभालेगा बेटे मेरे
तेरी वचपन की यादें, आज फिर खुश्बू बनी
काँटों भरें पथ में,यादों की गंध बस बेटे मेरे
@सतीश गुप्ता नरसिंहपुर म.प्र.
हार्दिक आभार नमन
15 अक्टूबर 2015
मर्मस्पर्शी पंक्तियाँ !
15 अक्टूबर 2015