कार्तिक का महीना भगवान विष्णु को समर्पित है। कार्तिक पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य का अवतार धारण किया था, जिन्हें भगवान विष्णु का प्रथम अवतार भी माना जाता है।आमतौर पर इस दिन गंगा स
मानवता और ईश्वर की प्रार्थना का संदेश देने वाले गुरु नानक साहिब सिख धर्म के पहले गुरु माने जाते हैं जिनका जन्म कार्तिक पूर्णिमा की तिथि को हुआ था, कार्तिक पूर्णिमा कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष में म
खिलता यह चांद,जब गगन में चमकता है।तम का करता है नाश,अंधेरा स्वयं ही छंटता है ।सीखना है मनुज,जिंदगी में कुछ सीख लो।अपने बुद्धि विवेक से,अंधकार को छांट दो।रात है कार्तिक पूर्णिमा की,नानक के जयंती का दिन
गुरू नानक साहिब के जीवन को आज हम दूसरी दृष्टि से देखेंगे, जिस पर अक्सर लोगों ने ध्यान नहीं दिया है। भारत में अनेकों महापुरूष हुए हैं जिन्होंने अलग-अलग समयकाल में उस समय की परिस्थितियों के अनुसार अनेको
हमारे पंचांग व कैलेंडर के अनुसार वर्ष में बारह महीने होते है जिसमे सनातन धर्म में इन्ही बारह महिनों में से कुछ महीनों को अति पवित्र माना गया है जैसे की सावन,चैत्र,कर्तिक,व माघ अब बात करे कर्तिक पूर्णि
प्रिय सखी।कैसी हो । गुरु पर्व की लख लख वधाईयां। सखी वैसे तो आज चतुर्दशी है पर कल चंद्र ग्रहण है इस लिए आज ही गुरु पूर्णिमा मनाई जा रही है ।आज का विषय भी इसी पर आधारित है।विषय:-- गुरु पूर्णिमा/गुरु नान
शीर्षक -कार्तिक पूर्णिमा /गुरु नानक जयंतीहर साल कार्तिक पूर्णिमा को गुरु नानक जयंती मनाया जाता है। इस दिन को सब प्रकाश पर्व के रूप में भी मनाते हैं वो भी बहुत ही श्रद्धा और विश्वास के साथ।गुरु ना
मुगल साम्राज्य की स्थापना के बाद जब तलवार के जोर पर धर्म परिवर्तन का सिलसिला चल पड़ा तो भय और अज्ञान के कुहासे को समूचे हिन्दुस्तान से मिटाने के लिए सन् 1469 को लाहौर के तलवंडी गांव में सिक्ख धर्म
कार्तिक पूर्णिमाआज दोने में कर रहे हैं, अपने सब अपने-अपने फूल और मन्नों की पीली पाली में दिखाई देने वाली हवा के प्रकार की स्थिति मानकते दीप ते तेरी-मेरीतें साँवली स्टरलेट है जैसे कि आखर कबीर स्टरलेट