"घर अपना, खेत और खलिहान छुड़ाकर हम से,
नौकरी ने हमें किराएदार बना रखा है"
ओम
8 सितम्बर 2024
"घर अपना, खेत और खलिहान छुड़ाकर हम से,
नौकरी ने हमें किराएदार बना रखा है"
ओम
बहुत खूबसूरत लिखा है आपने सर कृपया मेरी कहानी कचोटती तन्हाइयां के बाकी भागों पर भी अपना लाइक और रिव्यू देकर आभारी करें 😊😊🙏
10 सितम्बर 2024