आंख की बाहरी झिल्ली और पलक के भीतरी हिस्से में सूजन या संक्रमण. कंजंक्टिवाइटिस या आंख आना, कंजक्टिवा नाम की आंख की परत की जलन या सूजन है, जो आंख की पुतली के सफेद हिस्से को प्रभावित करती है. यह एलर्जी या बैक्टीरिया या वायरल संक्रमण के कारण हो सकता है. कंजंक्टिवाइटिस अत्यंत संक्रामक हो सकता है, और यह संक्रमित व्यक्ति की आंख से बहने वाले पानी के संपर्क से फैलता है. बहुत ही दुर्लभ मामलों में इससे दृष्टि प्रभावित होती है। यह काफी संक्रामक होता है, और अन्य लोगों में भी बहुत तेजी से फैलता है। इसलिए ये लक्षण दिखें तो भूल जाओ.: एक या दो आँखों का रंग लाल या गुलाबी दिखाई देता है ।
एक या दोनों आँखों में जलन या खुजली होना।
सामान्य रूप से अधिक फूल वाला पौधा।
आँखों से पानी या एलोवेरान पुतले की तरह।
आँखों में किरकिरी का एहसास होना।
आंखों में सूजन आ जाना आम तौर पर एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस के कारण के लक्षण दिखाई देते हैं।
जोखिम कारक (जोखिम कारक)
किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आना जिसे वायरल या निरपेक्ष कंजक्टिवाइटिस है।
किसी ऐसी चीज के संपर्क में आने से आपको एलर्जी (एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस) हो सकती है।
फ़ोकस का एक्सपोज़र; जैसे कि बटलर पूल के पानी में मौजूद स्टोइन्ट्स के संपर्क में आना।
कंजेक्टेक्टोल का प्रयोग करना; विशेषकर लगातार उन्हें लंबे समय तक पद पर बनाए रखना।
संक्रमण को रोजगार से कैसे रोकें?
कंजक्टिवाइटिस पर रोक के लिए साफ-सफाई की जानकारी सबसे जरूरी है, इसके अलावा इन बातों का ध्यान रखें: अपनी आँख को अपने हाथ से न छुएं।
जब भी जरूरी हो अपने हाथों को संभालें।
अपनी निजी वस्तुएं जैसे नीलाम, तकिया, आई स्काट्स (आंखों के मेकअप) आदि को किसी से साझा न करें।
अपने रूमाल, तकिये के कवर, तौलिए आदि नीबों को रोज़ाना नियुक्त करें।
किस स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करें?
आंखों में तेज दर्द होना।
आँखों में तेज़पन महसूस होना।
दृश्य धुंधला हो जाना।
प्रकाश के प्रति पुजारी।
ओवेज़ वेवे लाल हो जाना।
ऍम
कंजक्टिवाइटिस के कई लक्षण होते हैं, जिनका उपचार करना भी वर्जित है।
ज्यादातर मामलों में 1-2 दिन में फोक्सो के एक्सपोज़र से होने वाला कंजक्टिवाइटिस आपका ठीक हो जाता है।
अन्य लक्षणों से होने वाले कंजक्टिवाइटिस के उपचार के लिए विशेष विकल्प उपलब्ध हैं।
वायरल कंजक्टिवाइटिस: वायरल कंजक्टिवाइटिस के लिए कोई उपचार उपलब्ध नहीं है। 7-8 दिनों में इसकी रहस्योद्घाटन में आपका सुधार होता है। वैसे वार्म काम्प्रेस (कपड़े को वांटेड गर्म पानी में डबकर आंखों पर रखना) से मिश्रण में आराम मिलता है।
एडल्ट कंजक्टिवाइटिस: बैक्टीरिया के किसी भी संक्रमण के लिए एंटीबायोटिक्स सबसे सामान्य उपचार है। अत्याधिक कंजक्टिवाइटिस में एंटीबायोटिक्स आई ड्रॉप्स और ऑइंटमेंट (मरहम/जेल) के इस्तेमाल से कुछ ही दिनों में सामान्य और स्वस्थ होने लगते हैं।
एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस: एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस में बाकी दवाओं के साथ आंखों में भी सूजन आ जाती है। इसलिए इसके उपचार में एंटी हिस्टामिन आई ड्रॉप्स के साथ एंटी इंफ्लेमेटरी आई ड्रॉप्स भी दिए जाते हैं।