'बाहर काँटे दिए जगत ने
भीतर दिए विधाता ने
अपना भाग्य
कसकते काँटे
काँटों साथ तड़पना भी।'
मछली का यह कथन,
कथन है अपना भी।
'जल में चल जल की प्राचीरें
हैं सब अपनी भाग्य-लकीरें
बाहर तनिक निकाली गर्दन
डालीं लहरों ने जंज़ीरें
अपना भाग्य
'ये सारे जग के मछुआरे
खड़े हुए हैं जाल पसारे
हैं जिनकी व्यापार-वस्तु हम
वे क्या जानें दर्द हमारे
अपना भाग्या
हाट से नाते
इसको उसको बिकना भी।'
मछली का यह कथन
कथन है अपना भी।