डॉ. कुँअर बेचैन निस्संदेह वर्तमान दौर के सर्वश्रेष्ठ कवि और शायरों में से एक हैं. प्रेम और संवेदना के बारीक धागों से बुनी गई उनकी रचनायें किसी का भी मन मोह सकतीं हैं. काव्य-पाठ की उनकी शैली भी उन्हें लोकप्रिय बनाने में अत्यंत महत्वपूर्ण रही है. दोनों ही बातें हैं जो इसे संग्रहणीय बना देतीं हैं. साहित्य शिल्पी परिवार में डॉ. कुँअर बेचैन जी का हार्दिक स्वागत और इस सुंदर रचना के लिये बधाई! सुप्रसिद्ध कवि डॉ० कुँअर बेचैन जी से उनके घर पर मुलाकात की और उनका साक्षात्कार लेने के दौरान उन्हें साहित्य शिल्पी से परिचित कराया। इस का विवरण हम अपनी पूर्वप्रकाशित रिपोर्ट में दे चुके हैं। मुलाकात के दौरान उस समय हमारे हर्ष का पारावार न रहा जब वे हमारे कार्य को देखते हुये हमें अपना रचनात्मक सहयोग देने को भी तैयार हो गये। इस सिलसिले की शुरुआत करने के लिये हमने उनकी ही आवाज़ में एक गीत रिकार्ड किया जिसे हम आज आपको सुनवाने या यूँ कहें कि दिखाने जा रहे हैं। हमें विश्वास है कि आज नववर्ष पर हमारे नये शिल्पी और सम्माननीय कवि श्री कुँअर बेचैन जी का ये गीत आपको एक सुखद प्रेमानुभूति से सराबोर कर देगा।
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