महाभारत विश्व का सबसे बड़ा धर्मग्रन्थ है | महाभारत में बहुत सी ऐसी घटनाये हैं जिसके बारे में बहुत कम लोगों को मालूम है | आज हम आपको ऐसी ही एक घटना के बारे में बताने जा रहे हैं | जैसा कि हम सभी जानते हैं द्रौपदी का विवाह पाँचों पांडवों से हुआ था और उन्होंने अपने दायित्वों और पतिव्रता धर्म का भली प्रकार से निभाया था | लेकिन उन पाँचों में से एक शख्स था जिसे द्रोपदी अन्य लोगों की अपेक्षा अधिक प्रेम और स्नेह करती थीं और उन्होंने कृष्ण की पत्नी सत्यभामा द्वारा पूछे जाने पर यह भी कहा था कि मेरा सच्चा पति एक ही है और वो हैं महाशक्तिशाली भीम। केवल भीम ही थे जिनसे द्रौपदी को अत्यधिक स्नेह था और इसका कारण भी है। जब भरी सभा में दुर्योधन द्वारा द्रौपदी का अपमान किया गया और सम्पूर्ण मानवता उस एक क्षण में तार तार कर दी गयी, उस समय भीम के अलावा अन्य किसी ने भी अपनी आवाज़ नहीं उठाई थी | भीम ने ही सबसे पहले प्रतिज्ञा ली थी कि वे दुशासन के रक्त से द्रौपदी के केश धुलेंगे और दुर्योधन ने जिस जंघा पर द्रौपदी को बैठाने के बात कही उसे वे तोड़ देंगे | एक बार तो भीम इतने क्रोधित हो उठे थे कि उन्होंने अपने बड़े भाई युधिष्ठिर के हाथों को भी तोड़ देना चाहा था क्योंकि उन्ही हाथों से युधिष्ठिर ने पासे फेंककर इतनी बड़ी समस्या को न्यौता दिया था |