विधाता छन्द
1222 1222 1222 1222
सुनो माता महागौरी, यही अरदास लाया हूँ।
मिले दर्शन मुझे मैया, लिए इक आस आया हूँ।
करूँ गुणगान मैं तेरा, चढ़ाऊँ पुष्प माला माँ।
करो उद्धार अब मेरा, कृपा कर दृष्टि डालो माँ।
तुम्हीं लक्ष्मी तुम्हीं दुर्गा, तुम्हीं तो मात! काली हो।
दुखी जो द्वार पर आये, न जाए हाथ खाली वो।
करे जो मातु की पूजा, भरें भंडार उनके ही।
न आये कष्ट जीवन में, मिले खुशियां भरे धन भी।
■अभिनव मिश्र"अदम्य"