दोहा ग़ज़ल
कोरोना इक वायरस, परेशान संसार।
पूरे जग में मच रहा, देखो हाहाकार।
हाँथों को तुम जोड़कर, सबको करो प्रणाम
कोरोना ने कर दिया, मानव को बीमार।
निश्चित दूरी कीजिये, मुह पर पहनो मास्क
हाँथों को तुम ध्यान से, धोना बारम्बार।
बैठे सब बेकार हैं, कामगार मजदूर
कोरोना की मार से, दिखते सब लाचार।
बाहर जाने से प्रथम, मुह पर पहनो मास्क
अनजाने में हो रहे, इसके लोग शिकार।
सावधानियों पर अगर, दिया सभी ने ध्यान
हो जाएगी देश में, कोरोना की हार।
"अभिनव" सबसे कह रहे, मन की चिंता त्याग
सावधानियां राखिये, खुद से कर लो प्यार।
*स्वरचित एवं मौलिक*
*अभिनव मिश्र अदम्य*
*हरिबल्लभपुर, बड़ागांव*
*पुवायां, शाहजहांपुर,उ.प्र.*