4 मार्च 2022
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सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म 16 अगस्त, 1904 में उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद जिले के निहालपुर गाँव में एक संपन्न परिवार में हुआ था । वह जमींदार परिवार से ताल्लुक रखती थी। उनके पिता का नाम दिलीप चौहान था। सुभद्रा कुमारी का विद्यार्थी जीवन प्रयाग में गुजरा। उनको बचपन से ही हिंदी साहित्य की कविताये, रचनाये पढ़ने में बहुत मज़ा आता था। सुभद्रा की सबसे अच्छी दोस्त महादेवी वर्मा थी जो सुभद्रा की तरह की कविताये लिखती थी और प्रसिद्द कवयित्री थीं। सुभद्रा कुमारी की शादी बहुत ही कम उम्र में हो गयी थी। साल 1919 में जब सुभद्रा मात्र सोलह साल की थी तब उनकी शादी मध्यप्रदेश राज्य में खंडवा जिले के रहने वाले ठाकुर लक्ष्मण सिंह चौहान से कर दी गयी। शादी के बाद सुभद्रा कुमारी मध्यप्रदेश के जबलपुर शहर में आ गयी। सुभद्रा कुमारी चौहान बहुत ही उत्तम दर्जे की महान कवयित्री थी और इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है की जब उनकी उम्र केवल नौ साल थी तब उन्होंने एक कविता ”नीम” लिखी थी और उनकी इस कविता को पत्रिका ”मर्यादा”ने प्रकाशित किया था। सुभद्रा को बचपन से ही कविताये लिखने का शौक था लेकिन उस समय कविता लिखने के पैसे न मिलने के कारण उन्होंने कविताओं के साथ साथ कहानियाँ लिखना भी शुरू कर दिया था ताकि कहानियो के बहाने से पैसे कमा सके। उन्होंने अपने जीवनकाल में कई कविताये लिखी ,उनकी सबसे ज्यादा प्रसिद्द कविता ” झाँसी की रानी” है, सुभद्रा कुमारी ने रानी लक्ष्मी बाई की जिंदगी के बारे में बताते हुए बहुत ही बढ़िया ढंग से कविता लिखी।D