भारत के पूर्वोत्तर राज्यों मिजोरम, मणिपुर,नगालैंड तथा अरुणाचल प्रदेश की सीमा से लगा हुआ म्यांमार वर्षों से भारत के एक अच्छे पड़ोसी के रूप में जाना जाता है। ब्रिटिश राज का हिस्सा होने की वजह से म्यांमार शुरू से ही भारत के करीब रहा है और यह सिलसिला आजादी के बाद भी कायम है। सांस्कृतिक, धार्मिक और आर्थिक स्तर पर दोनों देश एक-दूसरे से जुड़े हैं और समय-समय पर भारत ने म्यांमार की विभिन्न क्षेत्रों में मदद भी की है।
21वीं सदी पैंगलोंग सम्मेलन
यह म्यांमार के राष्ट्रवादी नेता आंग सान द्वारा विभिन्न जातीय समूहों को स्वायत्तता एवं स्वशासन के अधिकार के बदले उनकी वफादारी प्राप्त करने हेतु आयोजित एक शांति सम्मेलन था। इसका शीर्षक इसके पहले सम्मेलन, जो कि वर्ष 1947 में ब्रिटिश बर्मा के पैंगलोंग क्षेत्र में बुलाया गया था, के स्थल के नाम पर रखा गया है। 31 अगस्त, 2016 को इसका आयोजन नाय पी ताव म्यांमार में किया गया था।