राष्ट्र के विकास हेतु स्वस्थ मानव संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए खाद्य सुरक्षा के साथ ही खाद्य सुदृढ़ीकरण की भी आवश्यकता है। दो दिवसीय ‘खाद्य सुदृढ़ीकरण सम्मेलन, 2016’ का आयोजन भारतीय खाद्य संरक्षण एवं मानक प्राधिकरण (स्थापना-अगस्त, 2011) ने संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों तथा सहयोगी एजेंसियों के साथ संयुक्त रूप से 16 अक्टूबर, 2016 को नई दिल्ली में किया।
राष्ट्र के विकास हेतु स्वस्थ मानव संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए खाद्य सुरक्षा के साथ ही खाद्य सुदृढ़ीकरण की भी आवश्यकता है। दो दिवसीय ‘खाद्य सुदृढ़ीकरण सम्मेलन, 2016’ का आयोजन भारतीय खाद्य संरक्षण एवं मानक प्राधिकरण (स्थापना-अगस्त, 2011) ने संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों तथा सहयोगी एजेंसियों के साथ संयुक्त रूप से 16 अक्टूबर, 2016 को नई दिल्ली में किया।
- खाद्य सुदृढ़ीकरण का अर्थ है, जानबूझकर किसी आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व की मात्रा में वृद्धि करना जिससे खाद्य पदार्थों की पोषकता में वृद्धि हो सके और कम से कम जोखिमों के साथ जन- स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सके।
- खाद्य सुरक्षा और मानक (खाद्य सुदृढ़ीकरण) विनियम, 2016 के कुछ प्रावधान निम्न है-
1.प्रत्येक उत्पादक एवं पैकेजिंग करने वाली फर्म को गुणवत्ता आश्वासन के संदर्भ में उपलब्ध साक्ष्य को खाद्य प्राधिकरण या जिसे प्राधिकरण अधिकृत करे, के समक्ष प्रस्तुत करना होगा।
2.खाद्य सुरक्षा मानकों के संदर्भ में प्रमाण-पत्र केवल खाद्य प्राधिकरण द्वारा अधिसूचित प्रयोगशाला द्वारा ही प्राप्त करना होगा।
3.प्रत्येक फर्म को तकनीकी उपकरणों एवं प्रक्रियाओं का नियमित परीक्षण करवाना होगा।
4.प्रत्येक सुदृढ़ीकृत पदार्थ के पैकेट पर सुदृढ़ीकृत पोषक तत्व का नाम से ‘सुदृढ़ीकृत’ लिखना अनिवार्य होगा।
5.पैकेजिंग पर खाद्य सुरक्षा और मानक (पैकेजिंग और लेवलिंग) अधिनियम, 2011 लागू रहेगा।
6.लौह तत्व सुदृढ़ीकृत खाद्य पदार्थ के पैकेट पर ‘थैलेसीमिया और कम लौह-आहार वाले व्यक्ति के लिए नहीं’ लिखना अनिवार्य होगा।
7.शिशु दुग्ध प्रतिस्थापन बोतल बंद भोज्य-पदार्थ (उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियम) अधिनियम,1992 का यथावत रखा गया है। - इस मानक विनियम में सुदृढ़ीकरण मानकों के लिए 7 वर्ग बनाए गए हैं-
पदार्थ | सुदृढ़ीकरण तत्व | |
1. | नमक | आयोडीन एवं लोहा |
2. | वनपति तेल | विटामिन-ए और विटामिन-डी से |
3. | दूध | |
4. | आटा | लौह, फोलिक एसिड, विटामिन बी-12 से |
5. | मैदा | |
6. | चावल | |
7. | वनस्पतियां | सिंथेटिक विटामिन-ए |
- आटा, मैदा और चावल के सुदृढ़ीकरण में अन्य सूक्ष्म तत्वों; जिंक, विटामिन बी-1, आयरन, विटामिन बी-2, नियासिन और विटामिन बी-6 का प्रयोग किया जाएगा।
- विशेष तथ्य
- सूक्ष्म पोषक तत्व वे होते हैं जिनकी आवश्यकता जीवनभर किंतु बहुत कम मात्रा में पड़ती है। सूक्ष्म पोषक तत्वों में लोहा, कोबाल्ट, क्रोमियम, तांबा, आयोडीन, मैगनीज सेलेनियम, जिंक और मोलिब्डेनम आदि शामिल हैं, जबकि सल्फर, मानव शरीर में प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला खनिज है। अतः सल्फर सूक्ष्म तत्वों की श्रेणी में नहीं आता।
- प्रोबायोटिक खाद्य में मानव के लिए लाभकारी सजीव जीवाणु विद्यमान होते हैं। साथ ही प्रोबायोटिक खाद्य अंत्र फ्लोरा के अनुरक्षण में सहायक होता है।
- न्यूट्रास्यूटिकल्स उत्पाद नियमित पोषक मूल्यों के साथ-साथ औषधीय लाभ प्रदान करने के लिए जाने जाते हैं। न्यूट्रास्यूटिकल्स शब्द न्यूट्रिशन (Nutrition) तथा फार्मास्यूटिकल शब्दों से मिलकर बना हुआ है।
लेख क-श्याम सुन्दर मिश्रा