14-27 सितंबर के मध्य, भारत-अमेरिका द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के तहत 12वां ‘संयुक्त युद्ध अभ्यास, 2016’ का उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में रानीखेत के पास चौबतिया में आयोजित किया गया। इस युद्ध अभ्यास की शृंखला वर्ष 2004 में यू.एस. आर्मी पैसिफिक प्रोग्राम के तहत आरंभ की गई थी।
14-27 सितंबर के मध्य, भारत-अमेरिका द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के तहत 12वां ‘संयुक्त युद्ध अभ्यास, 2016’ का उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में रानीखेत के पास चौबतिया में आयोजित किया गया। इस युद्ध अभ्यास की शृंखला वर्ष 2004 में यू.एस. आर्मी पैसिफिक प्रोग्राम के तहत आरंभ की गई थी।
- इस युद्ध अभ्यास की शुरुआत वर्ष 2004 में हुई थी, जिसका आयोजन अमेरिकी सेना द्वारा शांति सहभागिता कार्यक्रम के तहत प्रतिवर्ष किया जाता है।
- इस युद्ध अभ्यास का उद्देश्य रक्षा सहयोग, सामरिक संबंधों की मजबूती तथा दुनिया की सबसे प्रबल चुनौती आतंकवाद की समाप्ति है।
- दोनों देशों में क्रमागत रूप से होने वाले इस युद्ध अभ्यास का आयोजन इस वर्ष चौबतिया (अल्मोड़ा) स्थित भारतीय सेना के गरुड़ मैदान में किया गया।
- इस युद्ध अभ्यास में दोनों देशों की ओर से शामिल जवानों की संख्या समान रूप से 225 थी।
- जिसमें अमेरिकी सैन्य टुकड़ी में 5वीं इन्फैंट्री बटालियन, 20वीं इन्फैंट्री रेजीमेंट, 2 स्ट्राइकर ब्रिग्रेड कम्बैट टीम व 7वीं थल सेना डिवीजन शामिल थी।
- भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व कांगो ब्रिगेड, गरुड़ डिवीजन व सूर्यकमान की एक बटालियन ने किया।
- इस युद्ध अभ्यास के द्वारा दोनों पक्षों के सैनिक एक-दूसरे के संगठन, हथियारों, उपकरणों व व्यूह कौशल से परिचित हुए।
- इस युद्ध अभ्यास के दौरान एक छद्म परिवेश में दोनों देशों के सैनिकों ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अंतर्गत पर्वतीय क्षेत्रों में आतंकरोधी कार्यवाही व विद्रोह से निपटने का अभ्यास किया।
- अत्याधुनिक उपकरणों से निगरानी व लक्ष्य का पीछा करने, आतंकियों से करीब से लड़े जाने वाले छोटे युद्धों के लिए उपयुक्त उपकरण तथा विस्फोटक व आईईडी (I.E.D.) डिटेक्टर के अलावा संचार उपकरणों का अभ्यास किया गया।
- यह युद्धाभ्यास पूर्णतया सफल रहा। इस अभ्यास से दोनों सेनाओं की आपसी समझ बढ़ी है जिससे भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को और मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।
लेख क-विक्रम प्रताप सिंह