प्रश्न-हाल ही में आर्थिक मामलों के विभाग, वित्त मंत्रालय द्वारा ‘भारत पर विदेशी ऋण’ स्थिति रिपोर्ट 2016-17’ के अनुसार मार्च, 2017 के अंत में भारत पर कितने अरब अमेरिकी डॉलर का विदेशी ऋण था?
(a) 390.71 अरब अमेरिकी डॉलर
(b) 400.80 अरब अमेरिकी डॉलर
(c) 471.9 अरब अमेरिकी डॉलर
(d) 350.60 अरब अमेरिकी डॉलर
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य
- 15 सितंबर, 2017 को आर्थिक मामलों के विभाग (DEA), वित्त मंत्रालय द्वारा ‘भारत पर विदेशी ऋणः स्थिति रिपोर्ट’ (India’s External Debt: A Status Report)-2016-17 के वार्षिक प्रकाशन का 23वां अंक जारी किया गया।
- इस रिपोर्ट में मार्च, 2017 के अंत में भारत पर विदेशी ऋण की स्थिति का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है।
यह भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 30 जून, 2017 को जारी आंकड़ों और अन्य स्रोतों से प्राप्त आंकड़ों एवं सूचनाओं पर आधारित है। - रिपोर्ट की प्रमुख बातें इस प्रकार हैं-
(i) मार्च, 2017 के अंत में भारत पर 471.9 अरब अमेरिकी डॉलर का विदेशी ऋण था, यह मार्च, 2016 के अंत में आंके गए विदेशी ऋण की तुलना में 13.1 अरब अमेरिकी डॉलर (2.7 प्रतिशत) कम है।
विदेशी ऋण में यह कमी दीर्घकालिक ऋण विशेषकर एनआरआई जमाराशि और उधारियों में गिरावट की वजह से संभव हो पाई है।
(ii) मार्च, 2017 के अंत में दीर्घकालिक विदेशी ऋण 383.9 अरब अमेरिकी डॉलर था, जो कि मार्च, 2016 के अंत में आंके गए आंकड़े की तुलना में 4.4 प्रतिशत की गिरावट को दर्शाता है।
मार्च 2017 के आखिर में कुल विदेशी ऋण का 81.4 प्रतिशत दीर्घकालिक विदेशी ऋण था, जो मार्च, 2016 के अंत में 82.8 प्रतिशत था।
(iii) मार्च, 2017 के अंत में अल्पकालिक विदेशी ऋण 5.5 प्रतिशत बढ़कर 88.0 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया। यह मुख्य रूप से व्यापार संबंधी क्रेडिट (ऋण) में वृद्धि के कारण हुआ, जो 98.3 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ अल्पकालिक ऋण का एक प्रमुख घटक है। - भारतीय (सार्वभौम) बाह्य ऋण मार्च, 2016 के अंत में 93.4 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर मार्च, 2017 के अंत में 95.8 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया और कुल बाह्य ऋण का 20.3 प्रतिशत रहा, जो कि पिछले वर्ष में 19.3 प्रतिशत था।
- भारत पर विदेशी ऋण नियंत्रित दायरे में रहा और वर्ष 2015-16 की तुलना में वर्ष 2016-17 में विदेशी ऋण की स्थिति में सुधार हुआ है, जैसा कि विदेशी मुद्रा भंडार कवर एवं ऋण के अनुपात के 74.3 प्रतिशत से बढ़कर 78.4 प्रतिशत हो जाने और विदेशी ऋण जीडीपी अनुपात के 23.2 प्रतिशत से गिरकर 20.2 प्रतिशत पर आ जाने से स्पष्ट होता है।
- गौरतलब है कि विश्व बैंक की ‘अंतरराष्ट्रीय ऋण सांख्यिकी 2017’ जो वर्ष 2015 के लिए ऋण आंकड़ों को प्रस्तुत किया है, से पता चलता है कि भारत की गिनती अब भी ‘कम असुरक्षित’ देशों में की जाती है।
- भारत के विदेशी ऋण संकेतक अन्य ऋणी या ऋणग्रस्त विकासशील देशों की तुलना में बेहतर हैं।
- भारत पर विदेशी ऋण और सकल राष्ट्रीय आय का अनुपात 23.4 प्रतिशत है, जो पांचवे न्यूनतम पायदान को दर्शाता है।
- इसी तरह विदेशी ऋण के लिए विदेशी मुद्रा भंडार द्वारा उपलब्ध कराए गए कवर के लिहाज से भारत वर्ष 2015 में 69.7 प्रतिशत के साथ छठें उच्चतम पायदान पर था।
संबंधित तथ्य
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=170828
http://www.pib.nic.in/newsite/hindirelease.aspx?relid=67148