- मुख्य बिंदु
- 16 अगस्त, 2016 को चीन द्वारा विश्व के पहले क्वांटम संचार उपग्रह का सफल प्रक्षेपण उत्तर-पश्चिम में गोबी रेगिस्तान में स्थित जिउकुआन उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से किया गया।
वर्ष 1900 में जर्मन भौतिकीविद् मैक्स प्लांक ने एक समीकरण दिया जो किसी गर्म सतह से उत्सर्जित होने वाले प्रकाश के प्रायोगिक आंकड़ों से मेल खाता था। उन्होंने अनुभव किया किन्-सतह के प्रकाश उत्सर्जक में ऊर्जा की छोटी मात्रा होती है। जब ऊर्जा की मात्रा एक निश्चित मात्रा में होती है, तो उसे क्वांटम कहा जाता है। प्लांक की इसी परिकल्पना से भौतिकी की नई शाखा क्वांटम भौतिकी का जन्म हुआ। क्वांटम भौतिकी की स्थापना हेतु प्लांक को वर्ष 1918 के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
वर्ष 1905 में जर्मन भौतिकीविद् आइन्सटीन ने इस तथ्य का उद्घाटन किया कि- प्रकाश भी क्वांटाइज्ड होता है। प्रकाश छोटे-छोटे ऊर्जा समूहों में जाता है जिसे क्वांटा कहते हैं। प्रकाश की ऊर्जा समूह (क्वांटाइज्ड ऊर्जा) की परिकल्पना से उसके कण होने का प्रमाण प्राप्त होता है। प्रकाश के इन कणों को फोटॉन कहा जाता है।
- क्वांटम भौतिकी 20वीं शताब्दी का सबसे रोचक व महत्वपूर्ण सिद्धांत था।
- यह सिद्धांत रेडियोधर्मिता व प्रतिपदार्थ (Antimatter) जैसी प्रक्रियाओं की सफलतापूर्वक व्याख्या करता है।
- इसके द्वारा सूक्ष्म स्तर पर प्रकाश व मूलभूत कणों के व्यवहार की सफलतापूर्वक व्याख्या की जाती है।
- क्वांटम कण एक साथ कई अवस्थाओं व स्थानों में अस्तित्व में हो सकते हैं।
- 21वीं सदी में वै ज्ञान िक क्वांटम भौतिकी के रहस्यमय संसार की गुत्थी सुलझाने में लगे हुए हैं, जिससे उसका अनुप्रयोग उन्नत टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में किया जा सके।