युवा बहुल ब्रिक्स देशों द्वारा सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक विकास में युवाओं के योगदान की आवश्यकता को समझते हुए तथा संपोषणीय विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में उनकी भूमिका सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शिक्षा, रोजगार, उद्यमिता एवं कौशल प्रशिक्षण के क्षेत्र में साझा प्रयास को प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया गया जिसके परिणामस्वरूप वर्ष 2015 में कजान (रूस) में प्रथम ब्रिक्स युवा शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसी क्रम में दूसरे ब्रिक्स युवा शिखर सम्मेलन का आयोजन 1-3 जुलाई, 2016 के मध्य भारत के गुवाहाटी (असम) में किया गया। सम्मेलन का उद्घाटन युवा मामले एवं खेल राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह की उपस्थिति में असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल द्वारा किया गया। सम्मेलन में ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के युवा प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक में मुख्यतः कौशल विकास एवं उद्यमशीलता, सामाजिक समावेश, युवा स्वयंसेवा तथा शासन में युवाओं की भागीदारी जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई।
- सम्मेलन का मुख्य विषय ‘ब्रिक्स देशों के बीच आदान-प्रदान के लिए सेतु के रूप में युवा’ (Youth as Bridge for Intra-Brics Exchanges) था।
- सम्मेलन में ‘गुवाहाटी ब्रिक्स युवा शिखर सम्मेलन, 2016 : कार्यवाही का आह्वान’ (Call To Action) को अंगीकार किया गया। जिसके तहत निम्न अनुशंसाएं की गईं।
- कौशल विकास एवं उद्यमिता के लिए अनुशंसाएं
- मौजूदा ब्रिक्स संस्थानों में प्रशिक्षु कार्यक्रम बनाना और उन्हें मजबूत करना।
- ब्रिक्स देशों के बीच सफलता की कहानियों का दस्तावेज तैयार करना तथा उनका प्रसार करना।
- ब्रिक्स देशों में परामर्शदाताओं और परामर्श-कर्ताओं के बीच कौशलों के हस्तांतरण की सुविधा विकसित करना।
- ब्रिक्स देशों के बीच युवाओं के लिए अच्छी नौकरी सुनिश्चित करना।
- ब्रिक्स देशों में ‘व्यवसाय के बारे में जानना नामक उद्यमिता कार्यक्रम’ [Know About Business (KAB) Enterpreneurship Programme ]को बढ़ावा देना।
- व्यापार विकास सेवाओं, व्यापार योजनाओं और वेबसाइट डेवलपमेंट के लिए लघु एवं मध्यम उद्यमों को प्रशिक्षण प्रदान करना।
- सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान, नई प्रौद्योगिकियों एवं वित्तीय समर्थन की सुविधा हेतु युवाओं एवं युवा उद्यमियों के नियमित प्रदर्शनियों को तैयार करना तथा उसे बढ़ावा देना।
- सामाजिक समावेशन के लिए अनुशंसाएं
- ब्रिक्स देशों में सामाजिक समावेशन गंभीर चिंता का विषय है। अतः हाशिए पर खड़े तथा कमजोर युवाओं की प्राथमिकता तय करने हेतु पहल करना अनिवार्य है ताकि उन तक स्वास्थ्य , शिक्षा तथा सामाजिक संरक्षण जैसी सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित की जा सके।
- ब्रिक्स देशों में युवाओं के साथ काम करने वाले पेशेवरों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रमों की शुरुआत करना।
- ब्रिक्स सामाजिक वि ज्ञान युवा अनुसंधान नेटवर्क तैयार करना।
- युवा स्वयंसेवा से संबंधित अनुसंशाएं
- स्वयंसेवा के महत्त्व को बढ़ाने के लिए।
- नेतृत्व क्षमता के विकास के लिए अवसरों तक पहुंच हेतु सीखने की सुविधा प्रदान करना।
- ब्रिक्स देशों में स्वीकृति के लिए मान्यता प्राप्त युवा स्वयंसेवी कार्यक्रम को अधिकृत करना।
- सर्वोत्तम प्रथाओं, अवसरों और अच्छे काम को मान्यता प्रदान करने के लिए ऑनलाइन मंच बनाना।
- ब्रिक्स देशों में संरचित स्वयंसेवा और नागरिक सेवा परियोजनाओं के माध्यम से स्वयंसेवा पर आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के क्रम में-
- एकीकृत मानकों के साथ स्वयंसेवी आदान-प्रदान कार्यक्रमों की डिजाइन तैयार करना और उसकी सुविधा प्रदान करना।
- आधिकारिक संस्थानों में इंटर्नशिप समेत स्वयंसेवकों को सीखने के अनुभवों से समृद्ध करने के लिए अवसर प्रदान करना।
- स्वयंसेवक कार्यक्रमों का प्रबंधन करने वाले पेशेवरों की क्षमता विकसित करना।
- प्रशासन में युवाओं की भागीदारी पर अनुशंसा
- ब्रिक्स देशों में युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम का व्यवस्थित रोडमैप तैयार करने के लिए संबंधित देशों में ब्रिक्स समर स्कूल के मॉडल को बढ़ावा देना तथा युवाओं को भागीदारी के लिए अवसर मुहैया कराना।
- प्रशासन और निर्णय लेने में युवाओं की भागीदारी के लिए मौजूदा अवसरों में समन्वय स्थापित करना और नए अवसर पैदा करना।
- सरकारी नीतियां एवं कार्यक्रम तैयार करने तथा निगरानी एवं मूल्यांकन में युवाओं की क्षमता एवं भागीदारी को बढ़ाना।
- न्यूनतम दो-तिहाई युवा भागीदारी के साथ ब्रिक्स युवा परिषद (बीवाईसी) बनाने की संभावनाओं का पता लगाना।
- अनुशंसाओं के कार्यान्वयन का तरीका
- न्यू डेवलपमेंट बैंक से ब्रिक्स देशों द्वारा प्रस्तावित युवा पहलों के लिए वित्तीय समर्थन प्रदान करने की अपील करना।
- चार विषयगत क्षेत्रों में एक्सचेंज प्रोग्रामों का डिजाइन तैयार करना तथा सुविधा प्रदान करना।
- शुरुआत में ब्रिक्स युवा सचिवालय की आभासी रूप में स्थापना, जिसमें प्रत्येक देश से एक सरकारी अधिकारी और एक युवा प्रतिनिधि होंगे, जो ब्रिक्स युवा शिखर सम्मेलनों में तय किए गए युवा पहलों को वास्तविकता में बदलना सुनिश्चित करेंगे।
- सर्वोत्तम प्रथाओं एवं अवसरों को साझा करने के लिए ऑनलाइन मंच तैयार करना।
- अगले ब्रिक्स युवा सम्मेलन में प्रगति रिपोर्ट पेश करना।
- ब्रिक्स देश पर्याप्त युवा जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन देशों की 720 मिलियन से अधिक जनसंख्या 10-24 वर्ष आयु वर्ग की है। अतः युवाओं को क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान देने के लिए तैयार करने की साझा रणनीति पर कार्य करना अति महत्त्वपूर्ण है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2015 में उफा (रूस) में हुए ब्रिक्स सम्मेलन में युवाओं को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए युवा सम्मेलन का सुझाव दिया था। भारत एक युवा देश है तथा यहां की लगभग 800 मिलियन जनसंख्या 35 वर्ष से कम आयु की है। अतः भारत, ब्रिक्स देशों के साथ मिलकर युवाओं को उचित दिशा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
लेख क-अतुल मणि तिपाठी