मीरा तो कृष्ण की प्रेम दिवानी ।
वो तो मुरलीधर की अखियो की दिवानी ।।
प्रेम का सागर बढता जाता ।
इसको तो श्रीकृष्ण ही भाता ।।
खीर का प्याला मीरा लाई ।
श्रीकृष्ण जी दोडे आये खीर का प्याला प्रेम से खाये ।।
मीरा ने देखो संसार त्यागा ।
हुई श्रीकृष्ण की प्रेम दिवानी ।।
सास लाई जहर का प्याला ।
मीरा का हाथ कृष्ण ने थामा अमृत बन गया जहर का प्याला ।।
मीरा जैसा कोई ना दूजा ।
श्रीकृष्ण ने कराया उसको भवसागर पार ।।
मीरा तो कृष्ण की प्रेम दिवानी ।
वो तो मुरलीधर की अखियो की दिवानी ।।