पिता परिवार की वह कडी है जिसके बिना सारे सपने अधूरे है यदि पिता नही तो कोई सपना अपना नही हो सकता ।
यदि पिता है तो सारे सपने अपने है
आज के समय के परिवार मे पिता की स्थित ।
बहु कहती ले बूड्डे खाना खा ले ।
बेटा -चुप रहता है ओर कुछ बोलने की हिम्मत नही करता ।
पिता अगली सुबह काम पर निकल जाता है ओर बेटा भी काम पर निकल जाता है
शाम के समय दोनो आते है
बहु कहती है आज मे घर का काम करके थक गयी इसलिए खाना नही बना पाउगी। अपने बाप से कह देना यह कोई धर्म शाला नही है जो यहा भंडारा चल रहा है ।
पिता सुन लेता है ओर ऐसे ही भूखे पेट सौ जाता है
अगली सुबह बहू चाय देती है ओर कहती ले कुत्ते चाय पी ले शाम तक मत टोकना पिता इतना अपमान होता देख रोने लगता है ओर काम पर चला जाता है
पिता भूखे प्यासे पूरा दिन काम करता है ओर शाम के समय जब घर जाने का समय होता है तो सोच मे पढ़ जाता है कि वहा अपना है ही कौन । घर तो बस पत्नी से था जो अब इस संसार मे अब नही है ।
बेटा शाम के समय काम पर से घर आता है पत्नी से कहता खाना ले आओ भूख लगी है वह खाना खा लेता है तभी सोचता है कि अब तक पिता जी नही आये । वह पत्नी से कहता है क्या अब तक पिता जी नही आए । पत्नी कहती है कुछ पता नही उस बूड्डे का । कहा मर रहा है ।
तभी पिता आ जाता है पत्नि कहती अपने पति से लो उतार लो इसकी आरती आ गया ।
वह खाना पटक कर मारती है पिता के आगे ले खाले।
अगले दिन मां का फोन आता है कैसी हो बेटी ठीक हू मां पिता जी कैसे है बीमार रहते है क्यो मां भाई दवाई नही दिलवाते कया बेटी वह तो अपनी पत्नि के पल्लू से बधा रहता है तेरी भाभी ने जीना दूभर कर रखा है कभी खाना समय पर नही देती कभी कभी तो देती ही नही । बेटी तू बता क्या तू अपने ससुर की सेवा करती है बेटी अपने ससुर की अपने पिता समझ कर सेवा करना अगर तूने उनकी सेवा कि तो हम समझेंगे हमारी सेवा की है याद रखना यह मेरी बात हम तो दुख भोग रहे है तू अपने ससुर को दुख मत देना ठीक है मां अब मे फोन रखती हू
शाम के समय पिता घर आता है ओर बेटा भी घर आ जाता है दोनो एक साथ काम से घर आते है
बहु कहती है पिता जी मुझे माफ कर दीजिए मै आपका बहुत अपमान करती हू मुझे माफ कर दीजिए मै आज के बाद आपके साथ कभी ऐसा बर्ताव नही करुगी ठीक है बेटी शाम का भूला अगर सुबह को घर आ जाए तो उसे भूला नही कहते । ।