रोटी वह नाम है जो किसी पहचान का मोहताज नही । रोटी ओर गरीबी का रिश्ता बहुत पुराना है मै आज किसी परिवार की कहानी बताने जा रहा हू । एक परिवार मे दो भाई थे छोटे की शादी हो गयी थी बडे भाई की नही हुई । क्योकि बडे भाई के सिर के बाल उड चुके थे । इस लिए उसकी शादी नही हो पायी थी उनके घर मे दो बच्चे ओर एक उनके पिता जी थे ओर छोटे भाई की पत्नि थी आज दुनिया मे कलयुग इस कदर है कि कोई भाई नही कोई बाप नही बस अपनी अपनी ज़िन्दगी मे सभी व्यस्त है छोटे भाई की शादी के बाद तीन चार साल तो अच्छे मजे से कटे मगर फिर पडोस की काना फूसी होने लगी कोई कहता कि इनको रोटी कब तक खिलाओ गी कोई किसी का नही जेठ को ओर ससुर को लात मारो । इनको रोटी खिलाने से तुम्हे कुछ नही मिलने वाला । अलग बनाओ खाओ । याद है दोस्तो महाभारत की वो बात जब शकुनी चाले चलता रहता था ओर गंगा पुत्र भीष्म शकुनी को कुछ नही कह पाते थे न ही उसे राज्य से ही निकाल पास रहे थे ओर शकुनी दुर्योधन के कान भरता रहता था यही स्थित आज हर घर की है हर घर मे कोई न कोई शकुनी बनके आ जाता है ओर समय रहते हम अपने घर से उसको भगा नही पाते है ओर पडोसी रिस्तो मे जहर घोल देता है ऐसे ही उस परिवार की हो गयी थी अब बडे भाई और बाप को भूखे ही सोना पड रहा था बहू जेठ को ओर ससुर को कुत्ता कहकर पुकारने लगी ओर वो बेचारे चुपचाप बैठे रहते अब तो दो वक्त की रोटी भी नही मिल पाई रही थी बेचारे दोनो इधर-उधर खाना खाकर आ जाते कभी पानी पीकर भी गुजारा कर लेते दिन मे खेत का काम ओर शाम को घर पर आ जाते काफी दिन ऐसे ही चलता रहा । एक दिन बाप ने छोटे बेटे से कहा की बेटा भुख लगी है रोटी ला दो । बेटे ने कहा की अब हम आपको रोटी नही खिला सकते अब आप दोनो अपना जुगाड कही ओर कर लो हमे जिने दो । छोटा बेटा यह कहकर चला गया ओर वे दोनो सोच मे पड गये कि अब क्या होगा । पैसे उनके पास नही जो वे बाहर कही दुकान से ही कुछ लेकर खा ले । दोस्तो हर गरीब घर की कुछ ऐसी ही कहानी है
दोस्तो यह सत्य घटना पर आधारित है
आपको यह सत्य घटना कैसी लगी हमे कमेंट मे जरूर बताये ।