भारत के लगभग हर ग्राम मे एक प्रधान होता है जो चुनाव जीतता है ओर प्रधान बन जाता है परन्तु आपने सोचा है जो वादा ये चुनाव से पहले अपने गांव वालो से करते उन वादो को ये कभी पूरा नही करते बस भोले भाले गांव वालो को डरा कर या बहला कर वोट ले लेते है भारत के हर गांव मे अगर सरकार देखे तो इनकी पांच वर्ष तक खूब तरक्की होती है क्योकि सरकार लाखों करोडों रूपए इनके खाते मे भेजती है कोई इस पैसे से मोटर साइकिल कोई ट्रेक्टर कोई अपने पक्के मकान बना लेता है ओर इसी तरह पांच वर्ष प्रधान जी अपनी तरक्की मे लगा देता है ओर गांव वैसा ही रह जाता है जैसा सन 1950 मे हुआ करता था अब सरकार को इस नीति को बदलना होगा अब सरकार प्रधान के खाते मे पैसा जारी ना करे ह सरकार को गांव के विकास के लिए नये विभाग की स्थापना करनी होगी इसका मुख्यालय दिल्ली होगा ओर इसका हर गांव मे एक दफ्तर होगा जिसमे एक गांव मे एक अधिकारी होगा उसकी सहायता के लिए एक ग्राम सेवक होगा जो मिलकर गांव मे विकास का कार्य कराएगे जिसमे गांव की लाईट से लेकर अस्पताल ओर रास्तो की देखभाल का कार्य इनका होगा इनसे ऊपर एक कार्यलय जिले पर होगा जो सब गांव की रिपोर्ट दिल्ली मुख्यालय को भेजेगा । कहा कितना काम होना है कितना हुआ है ओर हर महीने डीएम गांव के विकास की जांच के लिए या तो अपना आदमी भेजे या खुद जाये । फिर गांव का विकास होगा प्रधान का विकास नही होगा । ओर सरकार को युवाओ को रोजगार देने का नया अवसर भी मिल जाएगा । ओर इससे कुछ हद तक बेरोजगारी की समस्या से भी सरकार को निजात मिल जाएगी । ओर हमारे गांव शहर जैसे बन जाएगे । ओर ये 70 साल से जो विकास गाँवो का रूका हुआ है वह बढते भारत के साथ बदल जाएगा ।