-मनमीत प्रथम आलिंगन
प्रथम आलिंगन उनका पाकर तन में रोमांच छाया।
स्पर्श प्रीत भरी छुअन।
गौर कपोलों पर लाली लाया।
प्रेम रस की छलकी आंखें,होंठों पर मुस्कान लाया।
मधुर मिलन सजन संग,सोलह श्रृंगार भरित काया।
आलिंगन प्रेम की है परिभाषा। जब समझ मुझे आया।
और रूह से रूह के तार जुड़े।
स्पर्श प्रिय प्रियतम का पाया।
राह ताकती अपलक इन आंखों ने,चंचलपन दिखाया।
कुछ शरमा कर,नैन मटका कर, हौले से कदम बढ़ाया ।
दूर हुई विरह वेदना ,सूने मन आंगन में हर्ष अति समाया।
प्रीत की मिलन बेला थी, खुद में कृष्ण राधिका नजर आया।
मनमीत मनमोहक सांवरा, प्रेम दिव्य हुआ,लगे स्वर्ग समाया।
एक-दूजे के बने युगल ,जब पाक परिणय गीत गाया।
मित्र मीत सजन बन मन,चहुं ओर दिशा ने इश्क रंग जमाया।।
- सीमा गुप्ता अलवर राजस्थान