मुसलसल है जलीलो ख़्वार रहना
बड़ा महँगा पड़ा इस पार रहना
सबूत इस इश्क़ का माँगेगा ज़ालिम
मुहब्बत से कहो बेदार रहना
ज़वाल आया है मेरी आशिक़ी में
मगर तुम इश्क़ का मेयार रहना
हमें अपनी पड़ी रहती है हर दम
बड़ा मुश्क़िल है हममें प्यार रहन
कहाँ के हैं ये चारग़र के हर वक़्त
सिखाते हैं हमें बीमार रहना
उन्हें हमसे नहीं होती मुहब्बत
ज़रा ऐ दिल सुनो हुशीयार रहना