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रौज़न

Harshit mishra

13 अध्याय
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शेअरी मजमुआ  

raujan

0.0(2)


सैकड़ों सालों से उर्दू शायरी लगातार करवट बदलती रही है ये करवटें बेकरारी के सबब के साथ साथ दूसरी जानिब होने वाली तखलीक पर नज़र रखने के लिऐ भी थी इसी तेज़ नज़र के साए में कितने खूबसूरत अशआर उर्दू के वसीअ दामन में गुल बूटे टांकने का काम लगातार जारी है इसी सिलसिले की मज़बूत कड़ी हैं जनाब हर्षित मिश्रा जो ग़ज़ल के फूल को तरो ताज़ा बनाए रखने में अपनी फिक्र का खून इसमें शामिल कर रहे हैं ताकि ग़ज़ल की हथेली पर रंगे हिना मुसलसल गहरा बना रहे बहुत बहुत मुबारकबाद शाहबाज तालिब


बहुत ही शानदार पुस्तक है यह सर 🙏🙏🙏

पुस्तक के भाग

1

अब के फिर राह नई पाँव के छाले नए थे

14 अक्टूबर 2021
1
1
0

<p>अब के फिर राह नई पाँव के छाले नए थे</p> <p>चारागर भी थे नए देखने वाले नए थे</p> <p>اب کہ پھر را

2

ख़त्म कर देती है ख़ुद ही फ़ासला मेरे लिए

14 अक्टूबर 2021
1
1
0

<p>ख़त्म कर देती है ख़ुद ही फ़ासला मेरे लिए</p> <p>उसकी ख़ुशबू लेके आती है हवा मेरे लिए</p> <p>मैं

3

उम्मीद की कली

14 अक्टूबर 2021
3
3
2

<p>उम्मीद की कली कोई खिलती चली गयी</p> <p>वो याद आ गया तो उदासी चली गयी</p> <p>हम आरज़ू के दश्त से

4

मुसीबत का ये लम्हा

14 अक्टूबर 2021
2
3
1

<p>मुसीबत का ये लम्हा काटना है </p> <p>मुझे औरों से अच्छा काटना है </p> <p><br></p> <p>

5

मैं ज़मीं ज़ाद हूँ अम्बर ने दुआ दी है मुझे

14 अक्टूबर 2021
2
3
1

<p>मैं ज़मीं ज़ाद हूँ अम्बर ने दुआ दी है मुझे</p> <p>चाँद ने अपने सितारों की क़बा दी है मुझे</p> <

6

कम किया है न कभी प्यार ज़ियादा किया है

14 अक्टूबर 2021
4
3
1

<p>कम किया है न कभी प्यार ज़ियादा किया है </p> <p>काम चल जाए हमारा मगर इतना किया है </p>

7

थी ख़ता कुछ मेरी इल्ज़ाम थे कुछ और सज़ा कुछ

15 अक्टूबर 2021
0
0
0

<p>थी ख़ता कुछ मेरी इल्ज़ाम थे कुछ और सज़ा कुछ</p> <p>वो मेरे सामने आता तो भला पूछता कुछ</p> <p>تھ

8

मेरे दिल के अंदर क्या है

15 अक्टूबर 2021
0
0
0

<p>एक मतला दो शेर </p> <p><br></p> <p>मेरे दिल के अंदर क्या है ,जाने कब वो भापेंगे </p>

9

लखनऊ शहर में

15 अक्टूबर 2021
0
0
0

<p>Aik ghazal </p> <p><br></p> <p>लखनऊ शहर में सब कुछ है दिलावेज़ यहाँ </p> <p>फ़

10

क़िस्से शुरूअ होंगे हज़ारों , हज़ार ख़त्म

16 अक्टूबर 2021
0
0
0

<p>क़िस्से शुरूअ होंगे हज़ारों , हज़ार ख़त्म</p> <p>बिस्तर पे आ गये हैं वो यानी के प्यार ख़त्म</p>

11

इश्क़ अब

16 अक्टूबर 2021
0
0
0

<p>इश्क़ अब हद से ज़ियादा नही करना मुझको</p> <p>उम्र तुझसे कोई वादा नही करना मुझको</p> <p><br></p>

12

मुसलसल हाई

16 अक्टूबर 2021
0
0
0

<p>मुसलसल है जलीलो ख़्वार रहना</p> <p>बड़ा महँगा पड़ा इस पार रहना</p> <p><br></p> <p>सबूत इस इश्क

13

चाँद को देख के ख़ामोश

16 अक्टूबर 2021
1
0
0

<p>चाँद को देख के ख़ामोश, सितारे चुप हैं</p> <p>हम जो चुप हैं तो सभी लोग हमारे चुप हैं</p> <p><br>

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