shabd-logo

क़िस्से शुरूअ होंगे हज़ारों , हज़ार ख़त्म

16 अक्टूबर 2021

22 बार देखा गया 22

क़िस्से शुरूअ होंगे हज़ारों , हज़ार ख़त्म

बिस्तर पे आ गये हैं वो यानी के प्यार ख़त्म


ऐसा नही है ज़ख्म के हालात फिर गए 

बस बात ये है तुमपे मेरा ऐतबार ख़त्म


अपनी कहो हुआ क्या सरे मारका ए हिज्र

मेरे लिए तो हो ही गए ग़मगुसार ख़त्म


मैंने तवील रातें भी रोकर गुज़ार दीं

होता नही मगर ये मेरा इंतज़ार ख़त्म


हमको पता है अपना मुक़द्दर तो दार है

घबरा के हम चले न गये  कू ए यार ख़त्म


सरकार आपकी है  अदलिया है आपका

गिन गिन के आप कीजिए सब होशियार ख़त्म


बेशक ग़ुरूर हमको बहोत अपने फ़न पे है 

हम बज़्म मे न हो तो समझना बहार ख़त्म


दश्त ए सुख़न मे ढूँढ रहा हूँ मैं ऐक शख़्स

वो शख़्स ढूँढ लूँ तो समझना शिकार ख़त्म 

Harshit mishra की अन्य किताबें

13
रचनाएँ
रौज़न
5.0
शेअरी मजमुआ
1

अब के फिर राह नई पाँव के छाले नए थे

14 अक्टूबर 2021
1
1
0

<p>अब के फिर राह नई पाँव के छाले नए थे</p> <p>चारागर भी थे नए देखने वाले नए थे</p> <p>اب کہ پھر را

2

ख़त्म कर देती है ख़ुद ही फ़ासला मेरे लिए

14 अक्टूबर 2021
1
1
0

<p>ख़त्म कर देती है ख़ुद ही फ़ासला मेरे लिए</p> <p>उसकी ख़ुशबू लेके आती है हवा मेरे लिए</p> <p>मैं

3

उम्मीद की कली

14 अक्टूबर 2021
3
3
2

<p>उम्मीद की कली कोई खिलती चली गयी</p> <p>वो याद आ गया तो उदासी चली गयी</p> <p>हम आरज़ू के दश्त से

4

मुसीबत का ये लम्हा

14 अक्टूबर 2021
2
3
1

<p>मुसीबत का ये लम्हा काटना है </p> <p>मुझे औरों से अच्छा काटना है </p> <p><br></p> <p>

5

मैं ज़मीं ज़ाद हूँ अम्बर ने दुआ दी है मुझे

14 अक्टूबर 2021
2
3
1

<p>मैं ज़मीं ज़ाद हूँ अम्बर ने दुआ दी है मुझे</p> <p>चाँद ने अपने सितारों की क़बा दी है मुझे</p> <

6

कम किया है न कभी प्यार ज़ियादा किया है

14 अक्टूबर 2021
4
3
1

<p>कम किया है न कभी प्यार ज़ियादा किया है </p> <p>काम चल जाए हमारा मगर इतना किया है </p>

7

थी ख़ता कुछ मेरी इल्ज़ाम थे कुछ और सज़ा कुछ

15 अक्टूबर 2021
0
0
0

<p>थी ख़ता कुछ मेरी इल्ज़ाम थे कुछ और सज़ा कुछ</p> <p>वो मेरे सामने आता तो भला पूछता कुछ</p> <p>تھ

8

मेरे दिल के अंदर क्या है

15 अक्टूबर 2021
0
0
0

<p>एक मतला दो शेर </p> <p><br></p> <p>मेरे दिल के अंदर क्या है ,जाने कब वो भापेंगे </p>

9

लखनऊ शहर में

15 अक्टूबर 2021
0
0
0

<p>Aik ghazal </p> <p><br></p> <p>लखनऊ शहर में सब कुछ है दिलावेज़ यहाँ </p> <p>फ़

10

क़िस्से शुरूअ होंगे हज़ारों , हज़ार ख़त्म

16 अक्टूबर 2021
0
0
0

<p>क़िस्से शुरूअ होंगे हज़ारों , हज़ार ख़त्म</p> <p>बिस्तर पे आ गये हैं वो यानी के प्यार ख़त्म</p>

11

इश्क़ अब

16 अक्टूबर 2021
0
0
0

<p>इश्क़ अब हद से ज़ियादा नही करना मुझको</p> <p>उम्र तुझसे कोई वादा नही करना मुझको</p> <p><br></p>

12

मुसलसल हाई

16 अक्टूबर 2021
0
0
0

<p>मुसलसल है जलीलो ख़्वार रहना</p> <p>बड़ा महँगा पड़ा इस पार रहना</p> <p><br></p> <p>सबूत इस इश्क

13

चाँद को देख के ख़ामोश

16 अक्टूबर 2021
1
0
0

<p>चाँद को देख के ख़ामोश, सितारे चुप हैं</p> <p>हम जो चुप हैं तो सभी लोग हमारे चुप हैं</p> <p><br>

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए